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दलित छात्र की हत्या के मामले में गहलोत सरकार घिरी, अपनों ने ही उठाए सवाल  

जालोर में दलित छात्र की शिक्षक द्वारा पिटाई के बाद मौत (Dalit Student Murder Case) के मामले में राजस्थान की गहलोत सरकार घिर गई है. उन्हें पार्टी के अंदर ही विरोध का सामना करना पड़ रहा है.

Updated on: 18 Aug 2022, 11:03 AM

highlights

  • गहलोत सरकार के मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा ने कड़ी आपत्ति जताई
  •  फास्ट ट्रैक अदालत में मामले को उठाने की मांग 

जयपुर:

जालोर में दलित छात्र की शिक्षक द्वारा पिटाई के बाद मौत (Dalit Student Murder Case) के मामले में राजस्थान की गहलोत सरकार घिर गई है. उन्हें पार्टी के अंदर ही विरोध का सामना करना पड़ रहा है. इस मामले में गहलोत सरकार के मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा (Minister Rajendra Gudha) ने कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने बयान देते हुए कहा कि अगर सरकार ने दलित बच्चे को न्याय नहीं दिलवाया तो बसपा से कांग्रेस में शामिल सभी छह विधायक अपना समर्थन सरकार से वापस लेंगे. इसमें चाहे उनकी विधानसभा की सदस्यता ही क्यों न चली जाए. उनका कहना है कि इस घटना के दोषी को सरेआम फांसी पर लटकाया जाना चाहिए.

मंत्री गुढ़ा के अनुसार फास्ट ट्रैक अदालत में मामले की सुनवाई का निर्णय एक माह के अंदर आ जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी भी विधानसभा क्षेत्र के मुकाबले उनके क्षेत्र में सबसे अधिक दलित अधिकारी आते हैं. गुढ़ा का बयान ऐसे समय में आया है, जब सरकार इस मामले में पहले से ही विपक्ष के साथ अपने सहयोगियों से घिरी हुई है. इस दौरान बसपा भी मामले को लेकर सरकार का विरोध कर  रही है.

मुआवजा राशि पर सवाल उठा 

इस मामले के बाद विधायक पानाचंद मेघवाल पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं. वहीं कांग्रेस पार्टी के ए​क जिला परिषद सदस्य   ने भी घटना से आहत बताए जा रहे हैं. उन्होंने पद छोड़ दिया है. राजस्थान एससी आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा भी पांच लाख रुपये की मुआवजा राशि पर सवाल उठा चुके हैं. पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने इस मामले में बड़ा कदम उठाने को कहा था.