Corona Virus को लेकर राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला, अब राज्य में प्रवेश और निकासी पर रोक

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कोरोना वायरस (Corona Virus) को लेकर बड़ा फैसला किया है.

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Deepak Pandey
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राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot)( Photo Credit : File Photo)

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कोरोना वायरस (Corona Virus) को लेकर बड़ा फैसला किया है. राजस्थान सरकार ने कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर राजस्थान में पूर्ण लॉक डाउन का ऐलान होने के कारण सार्वजनिक परिवहन बसों (रोडवेज व निजी) से राजस्थान में प्रवेश एवं राज्य से बाहर जाना प्रतिबंधित कर दिया है. अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ने एक सरकारी बयान में सार्वजनिक अपील में कहा कि लॉक डाउन का ऐलान कर दिया गया है अतः लोगों से अनुरोध है कि राज्य सीमा पर असुविधा से बचने के लिए कृपया अपनी यात्रा को समय रहते स्थगित कर दें.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने कोरोना वायरस (Corona Virus) के संक्रमण से लोगों के जीवन की सुरक्षा के लिए प्रदेशभर में आवश्यक सेवाओं को छोड़कर 22 मार्च से 31 मार्च तक पूरी तरह लॉक डाउन के निर्देश दिए हैं. इस लॉक डाउन के तहत आवश्यक सेवाओं के अतिरिक्ति समस्त राजकीय एवं निजी कार्यालय, मॉल्स, दुकानें, फैक्ट्रियां एवं सार्वजनिक परिवहन आदि बंद रहेंगे. उन्होंने कहा है कि इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए लोगों का घरों में रहना बेहद जरूरी है.

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति को लेकर समीक्षा की. उन्होंने कहा कि इस संकट के इस दौर में सरकार प्रदेशवासियों के साथ खड़ी है. आमजन कोरोना वायरस को हराने के लिए सरकार के निर्णयों और एडवाइजरी का पूरी तरह पालन करें, ताकि स्थिति नियंत्रण से बाहर ना हो. बैठक में मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा रोहित कुमार सिंह, सूचना एवं जनसंपर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

दैनिक निर्णयों के लिए कोर ग्रुप गठित

मुख्यमंत्री के निर्देश पर कोरोना वायरस से उत्पन्न परिस्थितियों के अनुरूप दैनिक आधार पर अलग-अलग विभागों संबंधी सरकार द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय एवं उनको क्रियान्वित कराए जाने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह एवं परिवहन राजीव स्वरूप की अध्यक्षता में एक कोर ग्रुप का गठन किया गया है. इस ग्रुप में अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास, प्रमुख शासन सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, शासन सचिव खाद्य एवं आपदा प्रबंधन, शासन सचिव सामान्य प्रशासन, शासन सचिव श्रम और संबंधित विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव एवं शासन सचिव सदस्य होंगे. यह कोर ग्रुप लॉकडाउन एवं अन्य पाबंदियों के कारण आम जनता विशेषकर गरीब एवं वंचित वर्ग की आवश्यकताओं हेतु लिए जाने वाले निर्णयों के लिए अपनी अभिशंषा करेगा.

एनएफएसए से जुड़े परिवारों को दो माह का गेहूं निःशुल्क

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के इस दौर में लोगों को खाद्य सामग्री को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से जुड़े एक करोड़ से अधिक परिवारों जिनको एक रुपये एवं दो रुपये प्रतिकिलो गेहूं मिलता है, उन्हें मई माह तक गेहूं निःशुल्क दिए जाने के निर्देश दिए हैं.

शहरी क्षेत्रों में जरूरतमंद परिवारों को मिलेंगे खाद्य सामग्री के पैकेट

गहलोत ने शहरी क्षेत्रों में स्ट्रीट वेंडर्स, दिहाड़ी मजदूरों एवं ऐसे जरूरतमंद परिवारों जो एनएफएसए की सूची से बाहर हैं को एक अप्रेल से दो माह तक आवश्यक खाद्य सामग्री के पैकेट निशुल्क उपलब्ध कराए जाने के भी निर्देश दिए हैं. ये पैकेट जिला प्रशासन तथा नगरपालिकाओं के सहयोग से उपलब्ध करवाए जाएंगे.

सामाजिक सुरक्षा पेंशन का वितरण अप्रेल के प्रथम सप्ताह में

अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना वायरस से पैदा हुए हालातों में सभी प्रकार के पेंशनधारियों को आर्थिक परेशानी का सामना नहीं करना पडे़, इसलिए सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभार्थियों को वितरण अप्रेल माह के प्रथम सप्ताह तक कर दिया जाएगा.

लॉक डाउन के दौरान फैक्ट्री श्रमिकों को मिले सवैतनिक अवकाश

मुख्यमंत्री ने अपील की है कि लॉक डाउन के दौरान बंद रहने वाली फैक्ट्रियों में किसी भी मजदूर को नौकरी से नहीं निकाला जाए तथा उन्हें इस अवधि का सवैतनिक अवकाश देना चाहिए. इसके लिए उन्होंने श्रम विभाग को निर्देश दिए हैं कि फैक्ट्री प्रबंधकों से निरंतर सम्पर्क रखा जाए.

Source : News Nation Bureau

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