सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल, पूरी दुनिया मासूम अली की मदद के लिए खड़ी, Social Media बना सहारा

सोशल मीडिया बना सहारा, देश-विदेश से लोग बच्चा अली की कर रहे हैं मदद, इलाज के लिए अब तक 9 लाख रुपये जमा

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Sushil Kumar
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An example of communal harmony in Rajasthan the whole world came

नागौर जिले के कुचामन सिटी का 8 साल का अली गंभीर बीमारी से जूझ रहा है. कमजोर स्थिति के चलते उसका इलाज कराने में मुश्किलों का सामना कर रहे परिवार की आवाज जब सोशल मीडिया के जरिये लोगों तक पहुंची तो कुचामन ही नहीं, बल्कि आस-पास के क्षेत्रों के साथ देश और विदेश में रह रहे हिंदुस्तानी भी मदद के लिए खड़े नजर आए. अली के परिवार की मदद का मैसेज सोशल मीडिया पर शेयर होने के महज 2 दिन में अली की मदद के लिए लाखों रुपये जमा हो गए. कुचामन सिटी को पूरे प्रदेश में सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल माना जाता रहा है और ये बात हकीकत में भी नजर आ रही है.

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जब अली की मदद के लिए शुरू की गई मुहिम को कुचामन के हर वर्ग, हर समुदाय से जुड़े लोगों ने समर्थन देते हुए उसमें भरपूर सहयोग किया. सिर्फ कुचामनसिटी की बात करें तो पूरा शहर अली के परिवार के साथ खड़ा नजर आया. मैसेज पढ़ने के बाद ना जाने कितने लोग इस मुहिम से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ते गए. नतीजतन महज 40 घंटे में कुचामन सिटी के लोगों ने अली की मदद के लिए 9 लाख रुपये जमा कर लिए. जमा किये गए रुपयों को शहर के मदरसा इस्लामिया सोसायटी के मुसाफिरखाना में अली के परिजनों मोहम्मद सलीम व मनसब खान को सौंपा गया.

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इस मौके पर कई लोग मौजूद रहे. लोगों ने अली की मदद के लिए सोशल मीडिया पर अल मदद नाम से अभियान चलाया. उसके बाद तो मदरसा इस्लामिया सोसायटी के उपाध्यक्ष हबीब सोलंकी सहित कई लोगों ने इस मुहिम में साथ दिया. नतीजतन कुछ घंटों में ही अली की मदद के लिए कुचामन, मकराना, नावां, डीडवाना जैसे आसपास के क्षेत्रों के साथ देश और प्रदेश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी अली की मदद के लिए समर्थन जुटता हुआ दिखाई दिया. दुबई, ओमान, कतर, सऊदी अरब, अमेरिका सहित कई देशों से भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिये अली के लिए लोग मुहिम से जुड़ते चले गए.

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मासूम अली के इलाज के लिए जब कुचामनसिटी के लोगों ने अली के परिजनों को 9 लाख रुपये सौंपे तो उस वक्त अली के परिजनों ने सार्वजनिक रूप से ये एलान भी किया कि आज पूरी दुनिया अली के साथ खड़ी है. हर धर्म हर वर्ग के लोग अली के लिए दुआ कर रहे हैं. अगर अली के ईलाज के बाद जो राशि बचती है उससे एक फाउण्डेशन वजूद में लाया जाएगा. इस फाउंडेशन के मकसद यही होगा कि जब भी शहर में किसी जरूरतमंद को इलाज में दिक्कत आएगी तो वो फाउंडेशन, फंड के जरिये मदद मुहैया कराएगा. ईलाज या दवाई के लिए किसी जरूरतमंद को भटकना नहीं पड़ेगा.

HIGHLIGHTS

  • मासूम अली की मदद के लिए पूरी दुनिया खड़ी
  • अली की इलाज के लिए पैसे नहीं होने पर चलाया अभियान
  • सोशल मीडिया बना सहारा
nagaur Social Media sachin-pilot rajasthan Ashok Gehlot
      
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