अलवर राजस्थान में 70 से अधिक उम्र की महिला ने दिया आईवीएफ पुत्र को जन्म

आज का दिन कमाल का है, अलवर और राजस्थान के इतिहास में मेडिकल साइंस में शायद पहली बार 70 साल की महिला और उनके 75 साल के पति को आज विज्ञान के चमत्कार आईवीएफ प्रक्रिया टेस्ट ट्यूब बेबी की मदद से संतान की प्राप्ति हुई है,

आज का दिन कमाल का है, अलवर और राजस्थान के इतिहास में मेडिकल साइंस में शायद पहली बार 70 साल की महिला और उनके 75 साल के पति को आज विज्ञान के चमत्कार आईवीएफ प्रक्रिया टेस्ट ट्यूब बेबी की मदद से संतान की प्राप्ति हुई है,

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Sunder Singh
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file photo( Photo Credit : News Nation)

आज का दिन कमाल का है, अलवर और राजस्थान के इतिहास में मेडिकल साइंस में शायद पहली बार 70 साल की महिला और उनके 75 साल के पति को आज विज्ञान के चमत्कार आईवीएफ प्रक्रिया टेस्ट ट्यूब बेबी की मदद से संतान की प्राप्ति हुई है, उन्होंने पुत्र को जन्म दिया है, यह चमत्कार कर दिखाया है .अलवर जिले के एकमात्र रजिस्टर्ड आईवीएफ सेंटर इंडो आईवीएफ टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर ने जिसने अपनी स्थापना की दसवें वर्ष में यह चमत्कार किया है.  इस संस्था के साइंटिफिक डायरेक्टर और एंब्रॉयोलॉजिस्ट डॉ पंकज गुप्ता ने बताया कि जो पेशेंट है चंद्रावती और गोपी सिंह यह झुंझुनू के पास के हरियाणा बॉर्डर के सिंघाना ग्राम के रहने वाले हैं. इससे पहले भी अनेक जगहों से बड़े-बड़े महानगरों से उन्होंने इलाज लिया था.  लेकिन सफलता नहीं मिली थी. फिर यह अलवर आए अलवर में इनको एक इनकी रिश्तेदार जो वकील हैं रेवाड़ी में एडवोकेट संगीता वहीं ले कर आई थी .

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उन्होंने लगभग डेढ़ 2 वर्ष पूर्व अपना इलाज चालू करवाया था. साथ ही आज से 9 महीने पूर्व ये आईवीएफ प्रक्रिया के तीसरे प्रयास मैं गर्भवती हो गई थी. उस समय भी यह खबर छपी थी और मेडिकल फ्रेटरनिटी भी रोमांचित थी. लेकिन शंकित भी थी कि इतनी अधिक उम्र में प्रेगनेंसी को पूरे 9 महीने तक कैरी करना और फिर उसके बाद सफल डिलीवरी होना ये वास्तव में कमाल हो गया है.  हालांकि अब गत वर्ष दिसंबर 2021 और जनवरी 2022 में यह कानून पार्लियामेंट भारत की संसद से पास हो चुका है. जो जून 2022 से लागू हुआ हैं.  अब 50 वर्ष से ऊपर की महिला और पुरुष को कोई भी आईवीएफ निसंतानता केंद्र इलाज नहीं दे पाएंगे और ना ही वह लोग अधिक उम्र में इलाज ले पाएंगे. लेकिन ये इस खुशकिस्मत जोड़ी की किस्मत अच्छी रही कि भारत के इस कानून के लागू होने से पूर्व यह चमत्कार हुआ है.

 चंद्रावती और गोपी सिंह जी जिन्होंने गोपी सिंह जी जो एक रिटायर्ड फौजी हैं जिनको फौज से रिटायर आए हुए 40 साल हो चुके हैं .जिन्होंने बांग्लादेश के युद्ध में गोली भी खाई थी. आज उनके घर में चिराग जला है खुशियों की सौगात आई है. संस्था हॉस्पिटल के सभी डॉक्टर और स्टाफ डॉ पंकज गुप्ता (साइंटिफिक डायरेक्टर और एंब्रियोलॉजिस), डॉ गीतांजलि गर्ग (गाइनेकोलॉजिस्ट), डॉ रीना यादव (आब्स गाइन), डॉ मनीषा यादव (पेडियाट्रिक), डॉ प्रवीण गर्ग ( एनेस्थीसिया), जसवंत चौधरी ( ओ टी असिस्टेंट), डॉ पूजा, डॉ जया, नर्सिंग स्टाफ गुंजन, मानसी, अन्नू, हरिसिंह, खुशीराम, पूनम, जूही आदि सभी बहुत खुश हैं. सिजेरियन ऑपरेशन करने वाली डॉक्टर कर्नल रीना यादव भी एक फौजी हैं गोपी सिंह भी एक फौजी है यह एक कोइंसिडेंस है कि फौजी की मदद से फौजी के घर में खुशियां आई हैं.

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