अलवर मॉब लिचिंग केस: क्या चाय पीने के लिए रास्ते में रुक गई थी पुलिस? रकबर को देर से अस्पताल ले जाने की होगी जांच
गौरक्षकों की भीड़ द्वारा कथित रूप से बुरी तरह पीटे गए व्यक्ति को अस्पताल ले जाने में हुई देरी के कारणों की जांच के लिए राजस्थान पुलिस ने एक उच्चस्तरीय टीम गठित की है।
जयपुर:
गौरक्षकों की भीड़ द्वारा कथित रूप से बुरी तरह पीटे गए व्यक्ति को अस्पताल ले जाने में हुई देरी के कारणों की जांच के लिए राजस्थान पुलिस ने एक उच्चस्तरीय टीम गठित की है। बाद में व्यक्ति की मौत हो गई थी।
पुलिस महानिदेशक ओपी गल्होत्रा ने कहा कि टीम यह जांच करेगी कि शनिवार को पीटे जाने के बाद रकबर उर्फ अकबर को सिर्फ चार किलोमीटर दूर अस्पताल तक ले जाने में इतना समय कैसे लगा।
गठित टीम में वरिष्ठ अधिकारी एनआरके रेड्डी, पीके सिंह, हेमंत प्रियदर्शी और महेंद्र सिंह चौधरी शामिल हैं।
एक अधिकारी ने कहा कि टीम से यह पता लगाने के लिए कहा गया है कि पुलिस जब रात के एक बजे घटना स्थल पर पहुंच गई थी तो पीड़ित तड़के चार बजे अस्पताल कैसे पहुंचा। आरोप है कि अस्पताल जाते समय पुलिसकर्मी चाय पीने के लिए रुक गए थे।
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रामगढ़ में विश्व हिंदू परिषद की गौरक्षक इकाई के प्रमुख नवल शर्मा के अनुसार, दर्ज मामले में कहा गया है कि पुलिस घटनास्थल पर रात 12.41 बजे पहुंची और वे पीड़ित को रात एक बजे ले गए।
इसके बाद पुलिस आश्चर्यजनक रूप से तड़के चार बजे अस्पताल पहुंचती है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार पीड़ित की मौत तड़के 3.40 बजे हो चुकी थी।
क्षेत्र के एक सामाजिक कार्यकर्ता विजय कुमार ने आईएएनएस को बताया कि अकबर और असलम रात में खेतों से होकर गाय ले जा रहे थे। जब ये मवेशी चिल्लाने लगे, तो कुछ गांव वालों ने बाहर आकर अकबर को पीटना शुरू किया।
तेज बारिश होने के कारण अकबर कीचड़ में गिर गया और उसका साथी असलम भाग निकला। तब तक पुलिस घटना स्थल पर पहुंच गई। हालांकि पीड़ित के कीचड़ से सने होने के कारण पुलिस ने उसे अपनी गाड़ी से ले जाने से इंकार कर दिया और गांव वालों को उसे साफ करने को कहा।
गांववालों ने उस पर पानी डाला। धर्मेंद्र नामक व्यक्ति अपने घर से कपड़े लाया। पुलिस ने बाद में धर्मेद्र को आरोपी के तौर पर हिरासत में ले लिया। विजय कुमार का कहना है कि पुलिस वाले नशे में थे और पीड़ित के पहले भी गौ तस्करी में शामिल रहने के कारण पुलिस ने भी शायद उसे पीटा हो।
उनके अनुसार, जब अकबर की मौत हुई तो पुलिसवाले खुद को बचाने के लिए प्रत्यक्षदर्शियों को गिरफ्तार करने गांव आए। इस बीच गाय को तड़के 3.26 बजे एक तीन-पहिया वाहन से गौशाला ले जाया गया।
अलवर के पुलिस अधीक्षक राजेंद्र सिंह ने संवाददाताओं को बताया, 'हम मामले की जांच कर रहे हैं और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।'
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