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प्रकाश सिंह उर्फ बादल
सीआईडी इंटेलिजेंस राजस्थान को बड़ी सफलता मिली है. पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने वाले एक नेटवर्क का खुलासा हुआ है. पंजाब के फिरोजपुर निवासी प्रकाश सिंह उर्फ बादल को श्रीगंगानगर से हिरासत में लेकर जयपुर लाया गया है. आरोपी सोशल मीडिया के जरिए आईएसआई के सीधे संपर्क में था और सेना से जुड़ी गोपनीय जानकारियां पाकिस्तान भेज रहा था. पुलिस ने आरोपी को आज कोर्ट में पेश कर 10 दिन के PC रिमांड पर लिया है.
जयपुर यूनिट की लंबी निगरानी में खुलासा
सीआईडी इंटेलिजेंस जयपुर यूनिट की लंबी निगरानी में खुलासा हुआ कि प्रकाश सिंह उर्फ बादल राजस्थान, पंजाब और गुजरात से भारतीय सेना से जुड़ी सामरिक जानकारी जुटा रहा था. 27 नवंबर को यह संदिग्ध श्रीगंगानगर के सैन्य प्रतिष्ठान साधूवाली के पास घूमता मिला. बॉर्डर इंटेलिजेंस टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उसे हिरासत में ले लिया. सोमवार को आरोपी को जयपुर महानगर प्रथम अदालत में पेश किया गया, जहाँ से उसे 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी.
पाकिस्तानी व्हाट्सऐप नंबरों से लगातार संपर्क की पुष्टि
शुरुआती जांच में आरोपी के मोबाइल में विदेशी और पाकिस्तानी व्हाट्सऐप नंबरों से लगातार संपर्क की पुष्टि हुई है. पूछताछ में पता चला कि वह ऑपरेशन सिंदूर के समय से ही आईएसआई के टच में था और सीमा से जुड़े इलाके, सेना के वाहन मूवमेंट, पुल, रेलवे लाइन और नए सैन्य निर्माण की जानकारी लगातार पाकिस्तान भेजता रहा. जासूसी के साथ-साथ बादल एक और गंभीर गतिविधि में शामिल था. दुश्मन देश की मांग पर वह भारतीय मोबाइल नंबरों के ओटीपी उपलब्ध करवाता था. इन ओटीपी का उपयोग पाकिस्तानी एजेंट भारतीय नंबरों से व्हाट्सऐप डाउनलोड कर जासूसी गतिविधियां चलाने के लिए करते थे. इसके बदले उसे पैसे भी मिलते रहे.
एजेंसियों ने तकनीकी और फोरेन्सिक जांच की
मामले की गंभीरता को देखते हुए संदिग्ध को जयपुर के केंद्रीय पूछताछ केंद्र में लाकर सभी एजेंसियों ने तकनीकी और फोरेन्सिक जांच की. सबूतों की पुष्टि होने के बाद प्रकाश सिंह उर्फ बादल के खिलाफ शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.
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