राजस्थान के 37 बुद्धिजीवियों ने प्रदेश में निरंतर बढ़ते अपहरण और बलात्कार को लेकर राज्यपाल कलराज मिश्र को चिट्टी लिखी है. उन्होंने पत्र में लिखा कि बढ़ रहे मामले से जनता में भय व्याप्त हो गया है. सरकार और प्रशासन की नाकामी साफ दिख रही है. सरकार अपराध रोकने में नाकाम है. प्रशासन अपनी जिम्मेदारी को सही ढंग से नहीं निभा रहा है. उन्होंने पत्र लिख कर राज्यपाल से प्रदेश में बढ़ रहे मामले पर अंकुश लगाने की मांग की है. इन 37 बुद्धिजीवियों में रिटायर्ड उपकुलपति, पुलिस अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, सैन्य अधिकारी, बोर्ड अध्यक्ष, शिक्षाविद आदि के हस्ताक्षर हैं.
राजस्थान रेप के मामले में पहले स्थान पर
बता दें कि आंकड़े के अनुसार राजस्थान रेप के मामले में पहले स्थान पर है. सबसे ज्यादा रेप के केस राजस्थान में ही है. वहीं इस आंकड़े पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि प्रदेश में कंपलसरी एफआईआर की रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश है. किसी भी थाने में महिला अपनी रिपोर्ट दर्ज करा सकती है. जिसके चलते मामले बढ़ रहे हैं. कई राज्यों में रिपोर्ट दर्ज ही नहीं होती है. जिसके चलते मामले का पता नहीं चलता है.
कंपलसरी एफआईआर की वजह से बढ़ रहे आंकड़े
मुख्यमंत्री का कहना है कि कहीं पर महिलाओं के ऊपर अत्याचार हो रहे हैं, तो हर डिस्ट्रिक्ट के अंदर DYSP की रैंक क्रिएट कर दी. हीनियस क्राइम कहीं होते हैं उसके लिए स्टेट लेवल पर मॉनिटरिंग सिस्टम बना दिया. इस प्रकार से जो कदम उठाए गए, उसके नतीजे आने लगे हैं. हालांकि संख्या उससे बढ़ती है, बहुत ज्यादा बढ़ती है और उसके लिए सरकार को आलोचना का शिकार होना पड़ता है. एनसीआरबी के आंकड़े अभी आए थे तो राजस्थान के आंकड़े बहुत ज्यादा बढ़ चुके थे, तो मुझे याद है मैंने उस वक्त ही कह दिया था कि हम जब कंपल्सरी करेंगे एफआईआर लॉज करने का थाने के अंदर तो आंकड़े बढ़ेंगे.
आंकड़े बढ़ने की परवाह नहीं
हमें उसकी परवाह नहीं करनी चाहिए, हमें फरियादी को जनता को न्याय मिले, इसे सुनिश्चित करना हमारा काम होना चाहिए. उसमें हम लोग कामयाब रहे और जो राहुल गांधी आए थे यहां थानागाजी के अंदर, उसी का परिणाम है कि जो कदम हमने उठाए थे, पूरी मॉनिटरिंग की थी तो आज अभी पिछले सप्ताह ही 4 नौजवानों को आजीवन कारावास की सजा हुई है, एक को 5 साल की सजा हुई है और एक-एक लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है. पूरे प्रदेश में एक मैसेज गया कि अगर पुलिस प्रशासन मिलकर के अन्याय, अत्याचार, उत्पीड़न के खिलाफ में अगर कार्रवाई करती है और ट्रैकिंग करती है ज्यूडीशिरी के अंदर भी तो सजा अवश्य मिलती है.
Source : News Nation Bureau