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Punjab Political Crisis: क्या कांग्रेस छोड़कर किसी दूसरी पार्टी में शामिल होंगे कैप्टन अमरिंदर सिंह?

पंजाब में जारी सियासी उथल-पुथल के बीच कैप्टन अमंरिंदर सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री से इस्तीफा दे दिया है. कैप्टन अमरिंदर ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा

Updated on: 18 Sep 2021, 05:18 PM

नई दिल्ली:

पंजाब में जारी सियासी उथल-पुथल के बीच कैप्टन अमंरिंदर सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री से इस्तीफा दे दिया है. कैप्टन अमरिंदर ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा. इस्तीफा सौंपने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस में उनको अपमानित किया जा रहा था, जिसकी वजह से उनको मजबूरी में यह कदम उठाना पड़ा. कांग्रेस छोड़कर दूसरी पार्टी में जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी मैं कांग्रेस में हूं. उन्होंने कहा कि भविष्य की राजनीति में उनके पास सारे विकल्प खुले हुए हैं. हालांकि कैप्टन ने यह भी कहा कि वह अपने लोगों से बातचीत के बाद ही कोई फैसला लेंगे. 

पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टर अमंरिंदर सिंह के इस्तीफे को लेकर जारी अटकलों के बीच उनके बेटे का ट्वीट सामने आया है. सीएम कैप्टन अमंदिर सिंह के बेटे ने ट्वीट में​ लिखा कि पापा इस्तीफा देने जा रहे हैं. आपको बता दें कि पंजाब की राजनीति में इस समय घमासान मचा हुआ है. पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे सीएम अमंदिर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे का ऐलान किया है. शनिवार को कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक से चंद घंटे पहले पार्टी आलाकमान मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को एक नए पदाधिकारी के चुनाव को सक्षम करने के लिए इस्तीफा देने के लिए कहा है. हालांकि मुख्यमंत्री ने अपमानित होने पर पार्टी छोड़ने की 'धमकी' दी है.

मुख्यमंत्री के एक करीबी विश्वासपात्र ने आईएएनएस से कहा, "अमरिंदर सिंह ने सुबह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात की और उनसे कहा कि उन्हें अपमानित किया जा रहा है और वह पार्टी से इस्तीफा दे देंगे." पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक आलाकमान ने अमरिंदर सिंह को साफ तौर पर पद छोड़ने को कहा है. मिनट दर मिनट बदलते राजनीतिक घटनाक्रम की शुरूआत शुक्रवार की रात करीब 11 बजकर 42 मिनट पर हुई जब पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने शनिवार को तत्काल सीएलपी की बैठक करने के फैसले के बारे में ट्वीट किया। करीब 10 मिनट बाद प्रदेश पार्टी अध्यक्ष नवजोत सिद्धू ने सभी विधायकों को सीएलपी की बैठक में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है. रावत की घोषणा को हाईकमान की ओर से नए पदाधिकारी को नियुक्त करने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है, जिसके नेतृत्व में पार्टी मार्च 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में जाएगी.