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सिद्धू और कैप्टन के बीच क्या है विवाद? जानें सिर्फ 10 प्वाइंट में

पंजाब कांग्रेस में जारी खींचतान थमने का नाम नहीं ले रहा है. कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) ने अपने मंत्रियों के साथ इस्तीफा दे दिया है.

Updated on: 18 Sep 2021, 06:10 PM

highlights

  • पंजाब कांग्रेस में जारी खींचतान थमने का नाम नहीं ले रहा 
  • कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने मंत्रियों के साथ इस्तीफा दे दिया
  • मैं नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब का सीएम नहीं मानूंगा : कैप्टन

नई दिल्ली:

पंजाब कांग्रेस में जारी खींचतान थमने का नाम नहीं ले रहा है. कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) ने अपने मंत्रियों के साथ इस्तीफा दे दिया है. राज्यपाल को इस्तीफा देने के बाद कैप्टन ने कहा कि कांग्रेस में उनको अपमानित किया जा रहा था, जिससे उनको मजबूरी में यह कदम उठाना पड़ा है. हालांकि, उन्होंने साफ कर दिया है कि अभी मैं कांग्रेस में हूं. भविष्य की राजनीति में उनके पास सारे विकल्प खुले हुए हैं. इसके बाद चंडीगढ़ में कांग्रेस विधायक दल की बैठक शुरू हो गई है. इस बैठक में सीएम के नाम चर्चा चल रही है. 

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आपको बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) का विवाद किसी से छिपा नहीं है. दोनों के बीच लगातार जुबानी जंग चलती रहती है. पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलते ही सिद्धू लगातार कैप्टन सरकार के कामकाज पर सवाल उठा रहे थे. इस बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है कि सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा कि मैं नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब का सीएम नहीं मानूंगा. उन्होंने कहा कि सिद्धू एक मंत्रालय भी नहीं चला पाए. सिद्धू एक बड़ी मुसीबत हैं. तो आइये हम आपको सिर्फ 10 प्वाइंट में बताते हैं कि सिद्धू और कैप्टन के बीच विवाद क्या है?

  1. कैप्टन और सिद्धू के बीच वैचारिक मतभेद हैं.
  2. 2002 से 2007 तक सिद्धू कैप्टन के बड़े आलोचक थे.
  3. पंजाब में सरकार बनने पर कैप्टन ने सिद्धू को डिप्टी CM नहीं बनाया था.
  4. टीवी शो में सिद्धू के जज की भूमिका पर कैप्टन ने सवाल उठाए थे.
  5. कैप्टन ने सिद्धू का मंत्रालय बदला, सिद्धू ने स्वीकार नहीं किया.
  6. कुछ महीने पहले सिद्धू ने बेअदबी मामले को लेकर ट्वीट करने शुरू किए.
  7. सिद्धू ने कैप्टन पर बादल परिवार के सदस्यों को बचाने के आरोप लगाए.
  8. कैप्टन विरोधियों के साथ सिद्धू और ज्यादा सक्रिय हो गए.
  9. हाईकमान ने दखल देते हुए सुनील जाखड़ को हटाकर सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाया.
  10. प्रदेश अध्यक्ष की कमान मिलते ही सिद्धू कैप्टन पर और हमलावर हो गए थे.