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श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के 350वें शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में श्रीनगर के गुरुद्वारा श्री चट्टी पातशाही साहिब में आयोजित भव्य कीर्तन दरबार में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने विशेष रूप से शिरकत की. केजरीवाल ने स्वयं को इस अवसर का साक्षी बनने के लिए सौभाग्यशाली बताया और कहा कि गुरु साहिब जैसा त्याग मानव इतिहास में दुर्लभ है. उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म को बचाने के लिए श्री गुरु तेग बहादुर साबिह ने दिल्ली के चांदनी चौक में अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया था.
अरविंद केजरीवाल का संदेश: शहादत का अमूल्य पाठ
अपने संबोधन में केजरीवाल ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर साहिब ने धर्म, सत्य और मानवता की रक्षा के लिए सबसे बड़ा बलिदान दिया. कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार के समय जब उन्होंने मदद की गुहार की, तब गुरु साहिब ने बिना किसी भय के दिल्ली के चांदनी चौक में अपना शीश देकर मानवता की रक्षा का उदाहरण विश्व को दिया. उन्होंने बताया कि श्रीनगर से एक श्रद्धा यात्रा बुधवार को रवाना होगी, जो 22 नवंबर को आनंदपुर साहिब पहुंचेगी. उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से विनती की कि पंजाब सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर गुरु साहिब की शिक्षा और शहादत को नई पीढ़ियों तक पहुंचाएं.
मुख्यमंत्री भगवंत मान का उद्बोधन: इतिहास की अमर गाथाएं
भगवंत मान ने गुरु साहिब के जीवन से जुड़े अनेक ऐतिहासिक प्रसंगों का उल्लेख किया त्यागमल से तेग बहादुर बनने का सफर, भाई जैता जी द्वारा कठिन परिस्थितियों में गुरु साहिब का पावन शीश आनंदपुर लाया जाना और लखी शाह बनजारा की ओर से अपने घर में अग्नि प्रज्वलित कर गुरु साहिब का संस्कार करना.
उन्होंने कहा कि यह इतिहास केवल किताबों में सीमित न रह जाए, इसलिए आधुनिक तकनीकों लाइट एंड साउंड शो, यूट्यूब और डिजिटल माध्यमों के जरिए इन प्रेरणादायक घटनाओं को बच्चों तक पहुंचाना समय की जरूरत है.
गुरु साहिब के मूल संदेश और पंजाब सरकार की पहल
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु साहिब ने सत्य के मार्ग पर चलते हुए मानवता को दिशा दी. उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार गुरु साहिब की ओर से चरण रखे गए 109 गांवों में विकास कार्यों, कीर्तन समागमों और आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है. 22 से 25 नवंबर तक आनंदपुर साहिब में विशेष कार्यक्रम, सर्वधर्म सम्मेलन, अखंड पाठ, कीर्तन दरबार और ऐतिहासिक विधानसभा सत्र आयोजित होंगे.
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