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Supreme Court: पंजाब के राज्यपाल पर सुप्रीम कोर्ट के CJI की कड़ी टिप्पणी, कहा-आप आग से खेल रहे

Supreme Court: मुख्य न्यायाधीश ने पंजाब राज्यपाल के वकील से पूछा कि अगर विधानसभा का कोई सत्र अवैध घोषित हो जाता है तो सदन की ओर से पास कोई बिल कैसे गैरकानूनी हो सकता है?

Updated on: 10 Nov 2023, 11:36 PM

नई दिल्ली:

पंजाब सरकार और राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के बीच विवाद गरमाता जा रहा है. इस पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस बीच चीफ जस्टिस ने कड़ी टिप्पणी व्यक्त की है. चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या राज्यपाल को इस बात का जरा भी अंदेशा है ​कि वे आग से खेल रहे हैं? अगर राज्यपाल को ऐसा लगता है कि बिल गलत तरीके से पास हुआ है तो उसे विधानसभा अध्यक्ष को वापस भेज देना चाहिए था.  सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार ही ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मौजूदा राज्यपाल के रहते विधानसभा का सत्र बुलाना असंभव है.

मुख्य न्यायाधीश ने पंजाब राज्यपाल के वकील से पूछा कि अगर विधानसभा का कोई सत्र अवैध घोषित हो जाता है तो सदन की ओर से पास कोई बिल कैसे गैरकानूनी हो सकता है? सीजेआई ने कहा कि अगर राज्यपाल इसी तरह से बिल को गैरकानूनी ठहराते रहे तो क्या देश में संसदीय लोकतंत्र बचेगा?

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किसी बिल को अनिश्चित काल के लिए रोककर नहीं रख सकते

सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, राज्यपाल राज्य का संवैधानिक मुखिया होता है. मगर पंजाब की स्थिति को देखकर ऐसा महसूस होता है कि उनके बीच बड़ा मतभेद है. ये लोकतंत्र के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के वकील से पूछा कि आप किसी बिल को अनिश्चित काल के लिए रोककर नहीं रख सकते हैं. इस दौरान सिंघवी ने पंजाब सरकार की ओर से बोला कि बिल रोकने  के बहाने राज्यपाल बदला लेने की कोशिश में हैं.  

चीफ जस्टिस ने इस दौरान नाराजगी व्यक्त की

चीफ जस्टिस ने इस दौरान नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि आखिर संविधान में ऐसा कहा पर लिखा है कि राज्यपाल स्पीकर की ओर से बुलाए विधानसभा सत्र के अवैध करार दे सकता है. चीफ जस्टिस ने कहा कि उनके पास राज्यपाल के लिखे दो पत्र मौजूद हैं. इसमें उन्होंने सरकार को कहा कि विधानसभा का सत्र वैध नहीं है, ऐसे में बिल पर अपनी मंजूरी नहीं दी जा सकती है. राज्यपाल ने कहा कि वे इस विवाद पर कानूनी सलाह लेने का प्रयास कर रहे हैं. केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि राज्यपाल का पत्र अंतिम निर्णय नहीं हो सकता है. केंद्र सरकार इस विवाद का हल निकालने में लगी हुई है.