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Shooters Encounter in Amritsar: पाकिस्तान से हथियार लेने आए थे शूटर, आतंकियों से भी थे संबंध 

Shooters Encounter in Amritsar:  भकना कलां गांव की सुनसान हवेली में मुठभेड़ में मारे गए दोनों शूटर पाकिस्‍तान से आने वाले हथियार लेने आए थे। यह स्‍थान भारत-पाकिस्तान सीमा से करीब आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

Updated on: 21 Jul 2022, 11:15 AM

नई दिल्ली:

Shooters Encounter in Amritsar:  भकना कलां गांव की सुनसान हवेली में मुठभेड़ में मारे गए दोनों शूटर पाकिस्‍तान से आने वाले हथियार लेने आए थे। यह स्‍थान भारत-पाकिस्तान सीमा से करीब आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। एनकाउंटर के बाद सुरक्षा एजेंसियों इनके पाकिस्तान के साथ संबंध होने की कई जानकारियां मिली हैं। सूत्रों के अनुसार लारेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े शूटरों जगरूप सिंह रूपा और मनप्रीत ¨सह मनु कुस्सा के पाकिस्तान के आतंकियों के साथ सीधे संबंध थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार रूपा और कुस्सा के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ ड्रोन से हथियार भेजने वाली थी और वह हथियारों की खेप लेने के लिए इस क्षेत्र में सक्रिय हुए थे। दोनों ने यह खेप किसी सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचानी थी और इसके बाद पंजाब में फिर किसी बड़ी वारदात को अंजाम दिया जाना था।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि घटनास्थल से पंजाब में होने वाली कुछ बड़ी वारदातों को लीड भी मिली है। इसको लेकर जांच शुरू कर दी है। मारे गए दोनों शूटरों के मोबाइल फोन से कई जानकारियां मिलने की उम्मीद है। पुलिस को इनपुट मिला था कि मूसेवाल हत्याकांड से जुड़े आरोपित रूपा और कुस्सा तीन-चार दिन से बाइक पर तरनतारन और घरिंडा क्षेत्रों में घूम रहे हैं। पिछले दिनों मोगा के एक गांव में इन दोनों का वीडियो फुटेज भी सामने आया था। सुरक्षा एजेंसियां रूपा की मोबाइल लोकेशन को ट्रैक कर रही थी। एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि रूपा अपने कुछ साथियों के साथ बुधवार को भारत-पाकिस्तान सीमा के साथ लगते गांवों होशियार नगर या भकना खुर्द जा सकता है। क्षेत्र के लोगों के अनुसार बुधवार सुबह करीब 10.30 बजे सुनसान हवेली के पास एक थार और एक कोरोला कार देखी गई थी। उसमें सात-आठ संदिग्ध युवक थे, जो पहले कभी गांव में नहीं दिखे। शाम को न तो कार दिखी और न ही थार।

एनकाउंटर के दौरान पुलिस ने सारे भकना खुर्द गांव को चारों तरफ से सील कर दिया। लोगों को घरों से बाहर आने की इजाजत नहीं थी। पुलिस ने हवेली (घटनास्थल) के करीब बनीं आठ-दस कोठियों की छतों पर चढ़कर मोर्चे बनाए लिए और कमांडो टुकड़ी ने खेतों के रास्ते हवेली को घेर लिया। दोनों शूटर रुक रुककर हवेली के चारों तरफ फायरिंग कर रहे थे, ताकि कोई कमांडो हवेली के भीतर न आ सके।