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pathankot case ( Photo Credit : social media)
मंगलवार रात पठानकोट में इंसानित को शर्मसार करने वाला घटना देखने को मिला. यहां एक ऐसी घटना सामने आयी जिसने लोगो को अन्दर तक हिला दिया. पठानकोट के सिविल हॉस्पीटल में एक ऐसा ही मामला सामने नजर आया जहां एक महिला 2 घंटे तक बेड और इलाज के लिए अस्पताल में इधर उधर भटकती रही और अस्पताल स्टाफ न एक न सुनी. फिर पठानकोट के सिविल हॉस्पीटल में बेड न मिलने की वजह से वही बच्चे को जन्म दिया. जिसका विडियो और तस्वीर अब सोशल खुब वायरल हो रहा है. वही अस्पताल प्रशासन अब इस घटना पर कुछ भी बोलने से बच रहा है. वही इस मामले में एक और लापरवाही सामने नजर आया कि महिला का इलाज कियें बिना दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया.
पंजाब के पठानकोट में एक गर्भवती महिला और तिमारदार अस्पताल स्टाफ से बेड़ के हाथ पैर जोड़े लेकिन किसी ने एक न सुनी परिणाम स्वरूप महिला ने अस्पताल के दरवाजे पर बच्चे को जन्म दी. वही अस्पताल के एसएसओ का कहना है कि महिला के पास कोई कागजात नही था और बिना कागज के वो इलाज करने को बोल रही थी. जब स्टाफ ने उसे ईसीजी और ब्लड चेक करने को कहा तो वो भड़क गयी लेकिन मानवता के आधार पर स्टाफ ने बाद में भर्ती की और उसका इलाज किया. सुबह होते ही महिला और तिमारदार दोनो हॉस्पीटल छोड़कर भाग गये.
स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह का बयान
इस घटना पर पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह का कहना है कि इस तरह की घटना पठानकोट सिविल अस्पताल में घटित हुई है. जांच के लिए कमिटी गठित कर दी हैं और साथ ही यह पता लगाया जा रहा है कि पूरा मामला क्या है और यह घटना कैसे हुई. दोषियों पर कारवाई का भरोसा भी दिया.वही इस मामले पर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि पठानकोट की घटना एक बड़ी दुखद घटना है. उन्होंने पंजाब सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब सरकार बड़ी बड़ी उपलब्धियां बताती है लेकिन पठानकोट की घटना सरकार के सारे विकास के दावे की पोल खोल रहा है. उन्होंने कहा कि महिला की डिलीवरी, अस्पताल के दरवाजे पर होना पर हर व्यक्ति के लिए शर्मशार कर देने वाली घटना है.
Source : Bhasha/News Nation Bureau