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पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी को राहत, हाई कोर्ट ने दिया गिरफ्तारी पर 'स्पष्ट रोक' का आदेश

सुमेध सिंह सैनी के खिलाफ लंबित सभी एफआइआर की जांच पर आगे की कार्रवाई पर भी पूरी तरह रोक रहेगी.

Updated on: 10 Sep 2021, 09:12 PM

highlights

हाई कोर्ट ने सैनी के खिलाफ लंबित सभी एफआइआर की जांच पर लगायी रोक

सैनी विदेश जाना चाहें तो उन्हें इसके लिए पहले अदालत की इजाजत लेनी होगी

हाई कोर्ट ने 2022 के पंजाब विधानसभा चुनावों तक सैनी के गिरफ्तारी पर लगायी रोक

नई दिल्ली:

पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को अदालत से बड़ी राहत मिली है. पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने 2022 के पंजाब विधानसभा चुनावों तक सैनी के खिलाफ उन सभी मामलों में उनकी गिरफ्तारी पर 'स्पष्ट रोक' लगाने का आदेश दिया जो लंबित हैं या जिनके दर्ज होने की संभावना है. हाई कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि सैनी के खिलाफ लंबित सभी एफआइआर की जांच पर आगे की कार्रवाई पर भी पूरी तरह रोक रहेगी.हाई कोर्ट के जस्टिस अरविंद सिंह सांगवान ने यह आदेश सुमेध सिंह सैनी द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई के बाद पारित किए हैं.

हाई कोर्ट ने सैनी को यह भी आदेश दे दिए हैं कि वह अगर विदेश जाना चाहें तो उन्हें इसके लिए पहले अदालत की इजाजत लेनी होगी. सैनी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि पंजाब सरकार उन्हें राजनीतिक रंजिश के तहत फंसाना चाहती है. यह सब आगामी विधानसभा चुनावों में माइलेज लेने के लिए ही किया जा रहा है और इस सबके लिए उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है. यहां तक हाई कोर्ट द्वारा मिली अंतरिम जमानत के बावजूद जब वह 18 अगस्त को मोहाली विजिलेंस आफिस पहुंचे थे तो उन्हें इसी कारण से गिरफ्तार कर लिया गया था. 

सैनी ने कहा कि उनके खिलाफ कई केस दायर कर दिए गए हैं. हाई कोर्ट ने सैनी की इन सभी दलीलों को मानते हुए ही पंजाब पुलिस को आदेश दे दिए हैं कि वह फरवरी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों तक उनके खिलाफ दर्ज और आगे दर्ज किए जाने वाले किसी भी केस में उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकती है और न ही इन मामलों की आगे जांच कर सकती है, सिर्फ केस जो मटौर थाने में दर्ज है उसे छोड़कर क्योंकि वह केस सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है.

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अपने फैसले में हाई कोर्ट ने पंचतंत्र की एक कहानी सुनाई. हाई कोर्ट ने कहा कि यही न्याय व्यवस्था है न्याय तक पहुंच से पहले सभी का पक्ष सुना जाना जरूरी है. इस मामले में अगली सुनवाई 13 दिसंबर को होगी.