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राघव चड्ढा ने बोला पंजाब सरकार पर हमला, रेत माफिया को संरक्षण देने का लगाया आरोप

आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रभारी राघव चड्ढा ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के विधानसभा क्षेत्र चमकौर साहिब में चल रहे रेत माफियाओं के अवैध कारोबार का मीडिया के सामने पर्दाफाश किया.

Updated on: 04 Dec 2021, 07:38 PM

highlights

  • पंजाब के प्रदेश प्रभारी हैं आप नेता राघव चड्ढा 
  • मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर बोला तीखा हमला 
  • कहा अपने वादों से भटक रहे मुख्यमंत्री चन्नी 

नई दिल्ली :

आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रभारी राघव चड्ढा ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के विधानसभा क्षेत्र चमकौर साहिब में चल रहे रेत माफियाओं के अवैध कारोबार का मीडिया के सामने पर्दाफाश किया. मीडिया को संबोधित करते हुए चड्ढा ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद चन्नी ने कहा था, 'रेत माफिया मेरे पास न आए, मैं रेत माफियाओं का मुख्यमंत्री नहीं हूं. लेकिन मुख्यमंत्री बनते ही वे अपने वादे से पलट गए. उन्होंने रेत माफियाओं के साथ हाथ मिला लिया. मुख्यमंत्री चन्नी के संरक्षण में ही अब रेत माफिया खुद उनके क्षेत्र में अपना कारोबार चला रहा है.

चड्ढा ने मुख्यमंत्री चन्नी पर गलत तरीके से वन अधिकारी का ट्रांसफर करने का आरोप लगाया. साथ ही कहा कि 22 नवंबर 2021 को वन अधिकारी राजवंश सिंह ने यहां के एसएचओ और तहसीलदार को चिठ्ठी लिखकर बताया था कि जिंदापुर गांव का यह क्षेत्र 'वन संरक्षण अधिनियम' के तहत आता है. जहां खनन संबंधी कोई भी अवैध गतिविधि नहीं की जा सकती. अगले दिन 23 नवंबर को चन्नी सरकार ने उल्टे उस ईमानदार वन अधिकारी का ट्रांसफर कर दिया. इससे साबित होता है कि यह रेत माफिया उनके संरक्षण में काम कर रहा है और मुख्यमंत्री चन्नी रेत माफियाओं से मिले हुए हैं. उन्होंने कहा कि यहां से रोज लगभग 800 से 1000 ट्रक रेत की अवैध सप्लाई होती है.

उन्होंने शायराना अंदाज में मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ‘तू इधर उधर की न बात कर, ये बता कि काफिला क्यों लुटा? हमें रहजनों से गिला नहीं, ये तेरी रहबरी का सवाल है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चन्नी झूठ बोलते हैं कि पूरे पंजाब में ₹5 प्रति फीट बालू मिलता है. जबकि सच्चाई यह है कि रेत माफियाओं के कारण लोगों को 25 से ₹40 प्रति फीट के हिसाब से बालू खरीदना पड़ता है. उन्होंने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि रेत माफिया को देखकर लगता है कि दूध की रखवाली बिल्ली कर रही है.