Punjab चुनाव: अमरिंदर के खिलाफ उम्मीदवार उतारने के लिए उलझन में कांग्रेस
अमरिंदर कहते रहे हैं कि वह अपनी सीट से संतुष्ट होंगे और जीत हासिल करेंगे क्योंकि शहर के लोग उनकी शाही जड़ों के कारण उनके साथ हैं.
highlights
- पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह 20 साल से पटियाला सीट से विधायक
- कांग्रेस का कोई प्रभावशाली नेता ही अमरिंदर को दे सकते हैं टक्कर
- सिद्धू या उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू को लेकर चल रही है चर्चा
चंडीगढ़:
Punjab Election : पटियाला (शहरी) विधानसभा सीट के लिए कांग्रेस के लिए उम्मीदवार चुनना मुश्किल हो रहा है. पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह 20 साल से इस सीट से विधायक हैं. चुनावों में राज्य की सत्ताधारी पार्टी के लिए कोई प्रभावशाली नेता ही कैप्टन अमरिंदर को टक्कर दे सकते हैं. कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी ने शेष 31 उम्मीदवारों की सूची अध्यक्ष सोनिया गांधी को उनकी अंतिम मंजूरी के लिए भेजी है. सूत्रों ने बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच कुछ नामों पर मतभेद के कारण शनिवार को हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में सूची को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका. नामों पर निर्णय लेने और किसी फैसले पर पहुंचने के लिए एक उपसमिति का गठन किया गया था. पटियाला (शहरी) सीट का प्रतिनिधित्व 2002 से अमरिंदर कर रहे हैं. चार महीने पहले उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस बनाई और भाजपा के साथ गठबंधन किया. कैप्टन अमरिंदर की पार्टी 20 फरवरी को होने वाले चुनाव में 37 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
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अमरिंदर को चुनाव जीतने का भरोसा
अमरिंदर कहते रहे हैं कि वह अपनी सीट से संतुष्ट होंगे और जीत हासिल करेंगे क्योंकि शहर के लोग उनकी शाही जड़ों के कारण उनके साथ हैं. सूत्रों ने कहा कि विष्णु शर्मा का नाम संभावित उम्मीदवार के रूप में चर्चा में हैं. शर्मा को पिछले हफ्ते सिद्धू द्वारा कांग्रेस में फिर से शामिल किया गया था. साथ ही स्थानीय कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग की मांग है कि सिद्धू या उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू इस सीट से चुनाव लड़ें. कांग्रेस इस सीट के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा अगली सूची में कर सकती है, जिसके अब किसी भी दिन आने की उम्मीद है. आम आदमी पार्टी ने इस सीट से अजितपाल सिंह कोहली को मैदान में उतारा है. वह पहले अकाली दल के साथ थे.
गणतंत्र दिवस की हिंसा के एक आरोपी पर टिप्पणी करने से इंकार
कांग्रेस ने सोमवार को संयुक्त समाज मोर्चा (SSM) द्वारा आगामी पंजाब विधानसभा चुनावों में लाल किले पर गणतंत्र दिवस की हिंसा के एक आरोपी लाखा सिधाना को मैदान में उतारने पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि असली मुद्दा यह है कि सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए क्या किया है और अजय मिश्रा टेनी केंद्रीय मंत्री बने हुए हैं, जबकि उनका बेटा उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी मामले में मुख्य आरोपी है. श्रीनेत ने संवाददाताओं से कहा, मुझे नहीं लगता कि मुद्दा यह है कि कौन किसको मैदान में उतार रहा है. यह इस बारे में है कि यह सरकार किसानों के लिए क्या कर रही है. किसानों की आय दोगुनी होनी चाहिए थी. वास्तविकता यह है कि औसत भारत में किसान प्रतिदिन औसतन 27 रुपये कमा रहा है. सरकार इसके बारे में क्या कर रही है?
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