logo-image

Punjab Police ने राकेट से चलने वाले ग्रेनेड हमले का मामला सुलझाया

पंजाब पुलिस ने एक हफ्ते से भी कम समय में तरनतारन में रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) हमले के मामले को सुलझा लिया है, जिसमें विदेशी नियंत्रित आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया है और दो किशोरों सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने शुक्रवार को यहां पंजाब पुलिस मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड विदेश में रह रहे वांछित आतंकवादी लखबीर सिंह उर्फ लंदा हरिके, सतबीर सिंह उर्फ सत्ता और गुरदेव उर्फ जैसल वर्तमान में अजमीत सिंह की मदद से गोइंदवाल साहिब जेल में बंद है.

Updated on: 16 Dec 2022, 08:30 PM

चंडीगढ़:

पंजाब पुलिस ने एक हफ्ते से भी कम समय में तरनतारन में रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) हमले के मामले को सुलझा लिया है, जिसमें विदेशी नियंत्रित आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया है और दो किशोरों सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने शुक्रवार को यहां पंजाब पुलिस मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड विदेश में रह रहे वांछित आतंकवादी लखबीर सिंह उर्फ लंदा हरिके, सतबीर सिंह उर्फ सत्ता और गुरदेव उर्फ जैसल वर्तमान में अजमीत सिंह की मदद से गोइंदवाल साहिब जेल में बंद है.

कानून का उल्लंघन करने वाले दो किशोरों की गिरफ्तारी के अलावा, गिरफ्तार किए गए मॉड्यूल के बाकी चार सदस्यों की पहचान नौशेरा पन्नुआ के गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी नंबरदार (18), चोहला साहिब के गुरलाल सिंह उर्फ गहला (19), सुरलालपाल सिंह उर्फ गुरलाल (21) और नौशरा पन्नुआ निवासी जोबनप्रीत सिंह उर्फ जोबन (18) शामिल है.

विशेष रूप से, गोपी नंबरदार, जो एक किशोर के रूप में गिरफ्तार किए जाने के कारण जमानत पर था, 22 नवंबर, 2022 को अपनी रिहाई के एक दिन बाद 18 साल का हो गया और तुरंत विदेश स्थित संचालकों के संपर्क में आ गया.

विदेशी-आधारित हैंडलर ने माल की पुनप्र्राप्ति और संपर्क स्थापित करने के लिए कट-आउट और डेड लेटर बॉक्स (डीएलबी) तकनीकों का इस्तेमाल किया ताकि मॉड्यूल सदस्यों को हैंडलर द्वारा सीधे कार्य सौंपे जा सकें और केवल उनकी भूमिकाओं के बारे में पता हो.

पुलिस टीमों ने गिरफ्तार व्यक्तियों के कब्जे से तीन पिस्टल - दो प्वाइंट 32 बोर और एक प्वाइंट 30 बोर के साथ गोला-बारूद, एक हथगोला पी-86 और अपराध में इस्तेमाल एक मोटरसाइकिल भी बरामद किया है.

गौरतलब है कि सोवियत युग में हमले को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किए गए 70 मिमी कैलिबर आरपीजी-26 हथियार को 10 दिसंबर को पहले ही बरामद कर लिया गया था. आरपीजी-26 हथियार, जिसका इस्तेमाल मुजाहिदीन ने अफगानिस्तान में किया था वह सीमा पार से मंगाया गया था.

डीजीपी यादव ने कहा कि तरनतारन पुलिस ने पंजाब पुलिस के काउंटर इंटेलिजेंस विंग के साथ मिलकर तकनीकी और खुफिया सूचनाओं के आधार पर जांच की है.

जमीन पर जांच का नेतृत्व एसएसपी तरनतारन गुरमीत चौहान और उनकी टीम ने किया और उन्होंने खुलासा किया कि हमला गोपी नंबरदार और गुरलाल गहला की करतूत थी, जो सीधे लंदा हरिके और सट्टा नौशेहरा के संपर्क में थे.

गोपी नंबरदार और गुरलाल गहला दोनों को गुरुवार को पट्टी मोड़ सरहाली से गिरफ्तार किया गया और उनके कब्जे से एक प्वाइंट 32 पिस्टल के साथ 15 जिंदा कारतूस बरामद किए गए. उन्होंने बताया कि गोपी नंबरदार के खुलासे पर पुलिस टीमों ने एक हथगोला भी बरामद किया है.

डीजीपी यादव ने कहा कि पूछताछ के दौरान, गोपी नंबरदार और गुरलाल गहला ने खुलासा किया कि लंदा और सत्ता ने दो किशोरों को सरहाली पुलिस स्टेशन पर हमले को अंजाम देने का काम सौंपा था, जिसका उद्देश्य सीमावर्ती राज्य में आतंक पैदा करना था.

दोनों आरोपी व्यक्तियों ने आगे खुलासा किया कि एक अन्य आरोपी गुरलाल लाली ने रसद सहायता प्रदान की थी और दोनों किशोरों को एक लाख रुपये भी दिए थे, जो पुलिस स्टेशन भवन पर हमले से कुछ घंटे पहले मरहाना गांव में डेरा डाले हुए थे.

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.