पंजाब जहरीली शराब मामले में अपने ही सांसदों के सवालों में घिरी राज्य सरकार
पंजाब में जहरीली शराब के कारण हुई मौत पर राज्य सरकार घेरे में आ गई है. कांग्रेस के अपने ही दो सांसदों ने पंजाब सरकार पर हमला किया है. उन्होंने शराब की अवैध बिक्री की सीबीआई और ईडी से जांच कराने के लिए राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा.
नई दिल्ली:
पंजाब में जहरीली शराब के कारण हुई मौत पर राज्य सरकार घेरे में आ गई है. कांग्रेस के अपने ही दो सांसदों ने पंजाब सरकार पर हमला किया है. उन्होंने शराब की अवैध बिक्री की सीबीआई और ईडी से जांच कराने के लिए राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा. राज्य सभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह ढुलो ने राज्य प्रशासन पर स्पष्ट रूप से नाकाम रहने का आरोप लगाया तथा दावा किया कि अगर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अवैध शराब के कारोबार की शिकायतों पर समय रहते कार्रवाई की होती, तो यह घटना टल सकती थी.
राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता बाजवा ने कहा कि उन्होंने राज्य में शराब की कथित अवैध बिक्री की सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जांच कराने की मांग की है. दोनों सांसदों ने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा समय रहते कार्रवाई नहीं किए जाने के चलते यह त्रासदी तो होने ही वाली थी.
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शमशेर सिंह ढुलो ने कहा, 'अगर मुख्यमंत्री ने समय रहते कार्रवाई की होती तो जहरीली शराब कांड नहीं होता. हम 2017 से यह मुद्दा उठा रहे हैं.' वहीं प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि लोगों की मौत होने का मुद्दा हम संसद में भी उठाएंगे. मुख्यमंत्री या पुलिस प्रमुख या मुख्य सचिव को उन इलाकों का दौरा करना चाहिए , जहां जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हुई.
उन्होंने राज्यपाल को सौंपे पत्र में कहा कि हमने यह मुद्दा उठाया है क्योंकि यह राज्य में प्रशासनिक मशीनरी की स्पष्ट नाकामी है. खासतौर पर लॉकडाउन के दौरान पंजाब से अन्य राज्यों को शराब की धड़ल्ले से तस्करी हुई है. नकली शराब समूचे राज्य में बन रही है और बेची जा रही है. इसका उत्पादन और वितरण आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के बगैर नहीं हो सकता.
बता दें कि पंजाब में जहरीली शराब से 100 से ज्यादा लोगों की मौत मामले में पुलिस ने सोमवार को दो व्यवसायियों सहित और 12 लोगों को गिरफ्तार किया. लुधियाना के उस पेंट व्यवसायी की तलाश शुरू कर दी गई है, जिसने कथित तौर पर तीन ड्रम संदिग्ध शराब की आपूर्ति की थी.
मुख्यमंत्री अमरिंद सिंह ने पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता से कहा है कि इस मामले से जुड़े हर शख्स को दबोचा जाए और उन सभी को जल्द सख्त सजा दिलाना सुनिश्चित किया जाए. पुलिस ने लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित किए गए दो डीएसपी और चार एसएचओ के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी है.
मुख्यमंत्री ने इस घटना की मजिस्ट्रेट से जांच कराने के आदेश दिए हैं. उन्होंने शनिवार को छह पुलिस अधिकारियों और आबकारी एवं कराधान विभाग के सात अधिकारियों को निलंबित कर चुके हैं. इस मामले में मिलावटी शराब माफिया सरगना सहित तब तक 37 लोगों को गिरफ्तार किया जा जा चुका है.
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