logo-image

पंजाब सरकार की 'वन-टू का फोर' पॉलिसी, 400 की वैक्सीन 1560 में निजी अस्पतालों को बेच रही

आरोप हैं कि पंजाब सरकार 'वन-टू का फोर' पॉलिसी के तहत वैक्सीन को तय कीमत पर खरीदकर उसे ज्यादा कीमत पर निजी अस्पतालों को बेच रही है.

Updated on: 04 Jun 2021, 09:16 AM

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस महामारी के बीच जहां कई राज्यों में वैक्सीन ( Vaccine ) की किल्लत है. कई जगह वैक्सीन न मिल पाने की वजह से टीकाकरण केंद्रों पर ताले लगाने पड़े हैं. लेकिन इस पंजाब की कांग्रेस सरकार पर कोरोना टीके को लेकर गंभीर आरोप लगे हैं. कांग्रेस ( Congress) सरकार पर कोरोना वैक्सीन की कालाबाजारी के आरोप लगाए जा रहे हैं. आरोप हैं कि पंजाब सरकार ( Punjab Govt ) 'वन-टू का फोर' पॉलिसी के तहत वैक्सीन को तय कीमत पर खरीदकर उसे ज्यादा कीमत पर निजी अस्पतालों को बेच रही है. जिसको लेकर राजनीतिक भी तेज हो गई है.

यह भी पढ़ें : दिल्ली के अस्पताल ने किया आयुर्वेद का समर्थन, कहा- नहीं गई एक भी मरीज की जान

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब सरकार कोटा के अनुसार सरकार से 400 रुपये की रियायती दर पर कोरोना की वैक्सीन 'कोवैक्सिन' की खुराक खरीद रही है, मगर राज्य सरकार इसे निजी अस्पतालों को 1060 रुपये प्रति खुराक पर बेच रही है, जो लोगों को 1560 रुपये में टीका लगाते हैं. रिपोर्ट के अनुसार, राज्य कोटे के तहत खरीदे गए कोवैक्सिन को निजी अस्पतालों को बेचने पर पंजाब सरकार ने कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के नाम पर 660 रुपये प्रति खुराक का लाभ कमाया है. इसके अलावा निजी अस्पताल को 500 रुपये प्रति डोज का लाभ होता है, क्योंकि ग्राहक प्रत्येक डोज के लिए 1,560 रुपये का भुगतान करता है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि हाल ही में खरीदी गई एक लाख शीशियों में से पंजाब सरकार ने राज्यभर के निजी अस्पतालों को 1060 रुपये प्रति खुराक की दर से कम से कम 20,000 की बिक्री की, जिसकी कीमत 400 रुपये थी. जबकि क्षेत्र से प्राप्त रिपोर्टों से पता चलता है कि निजी अस्पताल लोगों से प्रति शॉट कम से कम 1,560 रुपये चार्ज कर रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, टीकाकरण अभियान में शामिल अधिकारियों का दावा है कि सरकार ने टीकाकरण सीएसआर फंड के नाम से एक अलग बैंक खाता बनाया है और निजी अस्पताल इस खाते में ही पैसा जमा करते हैं. वैक्सीन की खरीद में शामिल राज्य के अधिकारियों ने कहा कि निजी अस्पतालों से एकत्र अतिरिक्त धन का उपयोग वैक्सीन खरीदने के लिए किया जाएगा.

यह भी पढ़ें : दिल्ली बॉर्डर से हट जाएगा किसान आंदोलन... राकेश टिकैत का केंद्र पर आरोप

इसके अलावा विपक्षी दलों के नेताओं ने भी पंजाब सरकार पर वैक्सीन की कालाबाजारी के आरोप लगाए हैं. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने पंजाब सरकार पर हमला बोला है. अनुराग ठाकुर ने ट्वीट किया, 'केंद्र सरकार वैक्सीन निर्माताओं से टीका खरीद कर राज्यों को 400 रुपये प्रति डोज के हिसाब से बेचती है, मगर पंजाब सरकार वही टीका प्राइवेट अस्पतालों को 1060 रुपये प्रति डोज की दर से बेच रही है. जिसके बाद निजी अस्पतालों ने आम जनता को वही टीका 1560 रुपये प्रति डोज की दर से लगाया है.

अनुराग ठाकुर ने आरोप लगाए कि जो टीका जनता को मुफ्त में लगाना था, कांग्रेस राज में वही टीका 3120 रुपये में लग रहा है. उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'ये कांग्रेस की Forever Favourite वन टू का फ़ोर पॉलिसी है. राजस्थान में गहलतोत सरकार पंजाब से दो कदम आगे निकल गई. राजस्थान में पहले 11.50 लाख से भी अधिक वैक्सीन की डोज बर्बाद की गई.'

यह भी पढ़ें : वैक्सीन की रार बदली तकरार में, कैबिनेट बैठक में CM गहलोत के सामने 2 मंत्री आपस में भिड़े 

उधर, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने मामले को गंभीर बताते हुए हाईकोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों की जान से खिलवाड़ करने पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए. सुखबीर बादल ने कहा कि यह एक बहुत बड़ा घोटाला है. इसने राहुल गांधी को भी उजागर किया है, जो सभी के लिए मुफ्त वैक्सीन की मांग कर रहे हैं.