पंजाब सरकार ने संकट में फंसे भारतीय प्रवासियों (NRI) की मदद के लिए रविवार को एक व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर- 90-56-009-884 लॉन्च किया है. यह पहल संयुक्त राज्य अमेरिका से 104 भारतीय प्रवासियों को निर्वासित करने के बाद जारी किया गया है. इसका लक्ष्य एनआरआई को किसी तरह की समस्या के बारे बताने के लिए चैनल प्रदान करना है. आधिकारिक बयान के अनुसार, इस हेल्पलाइन नंबर पर दर्ज सभी चिंताओं और शिकायतों का समाधान निकाला जाएगा. इन शिकायतों का हल सरकारी विभागों के साथ पंजाब पुलिस के एनआरआई विंग के जिम्मे होगी. इसका नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक करेंगे. ज्यादा सहायता पाने के लिए एनआरआई nri.punjab.gov.in पर जाकर जानकारी ले सकते हैं.
कागजात हासिल करने में सहायता मिलेगी
प्रशासनिक सुधार और एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल के अनुसार, उनका विभाग विभिन्न दस्तावेजों पर सत्यापन की सुविधा दे रहा है. सरकार विदेशों में रह रहे पंजाबियों को जन्म, चिकित्सा, ड्राइविंग और शिक्षा प्रमाण पत्र और पुलिस मंजूरी जैसे प्रमुख कागजात हासिल करने में सहायता कर रही है.
यह हेल्पलाइन नंबर संयुक्त राज्य अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 100 से ज्यादा भारतीयों को भारत निर्वासित किए जाने के बाद आया है. अमेरिका की ओर से अवैध भारतीय अप्रवासियों को सैन्य विमान में 40 घंटे की उड़ान के दौरान हथकड़ी लगाकर निर्वासित को लेकर विपक्ष सरकार जिम्मेदार ठहरा रहा है. आपको बता दें कि 104 अवैध भारतीय अप्रवासियों को लेकर अमेरिकी सैन्य विमान 5 फरवरी को अमृतसर में उतरा.
अप्रवासियों के निर्वासन पर अमेरिका से चिंता जताई
भारत ने शुक्रवार को कहा कि उसने बेड़ियों में जकड़े अवैध अप्रवासियों के निर्वासन पर अमेरिका से चिंता जताई है. उसका कहना है कि इस तरह के व्यवहार से बचा जा सकता था. इस बीच, पंजाब और हरियाणा सरकारों ने ईमानदार ट्रैवल एजेंटों पर कार्रवाई शुरू कर दी है. इन प्रवासियों को 'डंकी' (अवैध) मार्गों के जरिए अमेरिका और यूरोपीय देशों जैसे देशों तक पहुंचने में सहायता करते हैं.
हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी के अनुसार, राज्य सरकार अवैध आव्रजन को सख्ती से नियंत्रित करने के लिए एक सख्त कानून बनाएगी. उन्होंने आगे कहा, प्रस्तावित कानून आगामी बजट सत्र में पेश किया जाएगा. वहीं दूसरी ओर पंजाब और हरियाणा में पुलिस ने दो दिन पहले अमेरिका की ओर से निर्वासित किए गए अवैध भारतीय प्रवासियों को धोखा देने के आरोप में कुछ ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं.