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लोकसभा चुनाव

Exclusive: सुनील जाखड़ बोले- घर में भी चौधरी एक होता है, जहां ज्यादा चौधरी हों वहां कलेश निश्चित

पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 ( PunjabAssembly Election 2022 )  को लेकर जहां राज्य का सियासी पारा चढ़ा हुआ है, वहीं, कांग्रेस अभी तक मुख्यमंत्री के चेहरे का ऐलान नहीं कर पाई है.

Updated on: 03 Feb 2022, 09:52 PM

नई दिल्ली:

पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 ( PunjabAssembly Election 2022 )  को लेकर जहां राज्य का सियासी पारा चढ़ा हुआ है, वहीं, कांग्रेस अभी तक मुख्यमंत्री के चेहरे का ऐलान नहीं कर पाई है. इस बीच पंजाब में कांग्रेस के नेतृत्व पर कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ ( Punjab Comgress Leader Sunil Jakhar ) ने कहा कि घर में भी चौधरी एक होता है, जहां ज़्यादा चौधरी हो जाएं वहां कलेश होते हैं. ये स्वाभाविक है कि एक आदमी ही नेतृत्व करेंगे। हम लीडरशीप की बात करते हैं तो ये सिर्फ मुख्यमंत्री तक सीमित नहीं है बल्कि एक टीम है. 

सवाल -- 42  विधायक जब सपोर्ट कर रहे थे तब आप आगे क्यों नही आये ?


-- यह मेरे लिए बहुत गर्व की बात है कि 42 एमएलए ने मेरा नाम का समर्थन किया ये मेरे लिए बड़ी बात है, उस दौरान ना मैं विधायक था ना ही प्रदेश अध्यक्ष लेकिन 79 विधायकों में से 42 ने मेरा नाम लिया। ना मैं उस वक्त रेस में था ना मैं आज इलेक्शन लड़ रहा हूं, जिसके लिए मैं उनका आभारी हूँ। विधायकों ने समझा कि सुनील ने हमेशा पंजाब,कांग्रेस और उसके वर्कर्स की ही भलाई सोची है ।


सवाल --2011 की जनगणना के मुताबिक 38.5 % आबादी हिंदुओ की है पंजाब में तो भी आपके कुछ नेताओं के कहने पर आपको हिन्दू होने की वजह से मुख्यमंत्री ना बनाये जाने का मलाल है?


मैंने कभी पंजाब को उस (सिख हिंदू) के नज़रिए से नही देखा, अबोहर वह इलाका है जिसे पंजाब और हरियाणा दोनों चाहते थे हिंदी भाषी इलाका होने के कारण दोनों क्लेम कर रहे थे हम तो किसी भी खाते में नही थे तो मैंने कभी इस नजरिए से देखा ही नही। कुछ चंद नेता है मुट्ठी भर और कोई नेता जो दिल्ली तक पहुंच गए जो ऊंची पदवी पर पहुंचकर छोटी सोच के लोग जिन्होंने अनकॉल्ड फ़ॉर बातें की हो सकता है ये उनके मन की कुंठा भी हो सकती है. हिंदू सिख का कोई मुद्दा ही पंजाब में नहीं है. छोटी सोच के लोग कह रहे हैं कि पंजाब में सिख मुख्यमंत्री बन पाएगा.


सवाल-- जिस पार्टी के नेता यह कहते हैं कि ब्लॉक का अध्यक्ष भी बहुमत से चुना जाए और आप को 42 विधायकों का समर्थन प्राप्त था स्टेट की सबसे बड़ी पोस्ट के लिए तो ऐसे नेता दिल्ली कैसे पहुंच जाते हैं पर पहुंच जाते हैं तो आप के नेता उनकी मान कैसे लेते हैं?


एक आग की चिंगारी छोड़ी गई पंजाब के सो कॉल्ड सीनियर लीडर्स ने उसमें घी का काम किया की अगर हिन्दू को बना दिया तो पंजाब में आग लग जायेगी.


सवाल -- आप भी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं तो बताइए कि कौन से वह नेता थे जिन्होंने यह काम किया?


मैं वह कोई काम नहीं करता जिसका मैं सबूत ना दिखा पाऊ, जैसे पंजाब में बच्चा बच्चा बता देगा कि कौन चिट्ठी भेजता है. चंद लोग जिनकी अपनी आकांक्षाएं थी जलन थी उनकी खुद की असुरक्षा थी उन्होंने पंजाबियत और कांग्रेस पार्टी की पीठ में छुरा मारा है. सुनील जाखड़ की पीठ में नहीं और उससे बड़ी बात जो मुझे दुखती है, मैं राजनीतिक परिवार से आता हूं 50 साल राजनीति देखी है मेरा ये मानना है कि पंजाब से बड़ा सर्कुलर राज्य कोई नहीं है कांग्रेस से बड़ी सेकुलर पार्टी कोई नहीं है और राहुल गांधी से बड़ा कोई सेकुलर लीडर नहीं है.


मैं 10 साल से उन्हें जानता हूं तब से मेरी उनसे बातचीत है मेरा उनके प्रति बहुत सम्मान है यह बहुत बड़ा फैसला लिया एक गरीब परिवार से अनुसूचित जाति के परिवार से पंजाब के मुख्यमंत्री पद पर बिठाया जिन लोगों ने पंजाब की पीठ में छुरा भोंका सुनील जाखड़ को रोकने के लिए.

जिन चंद लोगो ने पंजाबियत की पीठ में छुरा भोका है, उन्होंने जिस फैंसले की जो चमक थी उसको भी कम किया है। भाजपा ने भी कहा था कि दलित चेहरा बनाएंगे लेकिन बनाया तो नहीं, राहुल गांधी ने यह करके दिखा दिया.

 


सवाल -- आपने कहा यह बहुत बड़ा निर्णय था लेकिन राहुल गांधी के निर्णय को आपका प्रदेश अध्यक्ष भी चुनौती देता है और मुख्यमंत्री भी। दोनों कह रहे हैं कि आप किसी को चुन लो और पार्टी को मजबूर होकर सर्वे कर आना पड़ा जबकि राहुल गांधी कहते हैं कि हमारी परंपरा नहीं है और आप कहते हैं तो मैं सर्वे कराता हूं.


-- ये गुटबाज़ी नही है लेकिन मैं ये कहूंगा कि जो आदमी उसी डाल को काट रहा है, चन्नी जी को ये बात करने की क्या ज़रूरत थी, ये मेरे को आज तक समझ नहीं आई कि आपको बना दिया तो आप क्यों उसी निर्णय को चैलेंज कर रहे हैं. सभी से राय ली जा रही है अगर मुझसे भी राय ली गई तो मुझे लगता है कि यह बात उठनी ही नहीं चाहिए थी. राहुल गांधी ने खुद कहा कि मुझे सिद्धू और चन्नी जी ने गाड़ी में कहा कि हम दोनों की यह राय है कि मुख्यमंत्री का निर्णय लो पंजाब चाहता है. पंजाब का वर्कर चाहता है उनकी बात मान कर उन्होंने यह निर्णय लिया.


सवाल -- अपने ही निर्णय को क्यों पलट दिया राहुल गांधी ने?


-- पंजाब की बेहतरी के लिए ये निर्णय लिया, उनमें (राहुल गांधी ) अहंकार तो नही है, जब मुख्यमंत्री और पीसीसी अध्यक्ष की बात मानी। फैंसला तो हो चुका है 4 महीने पहले ही तो आपने मुख्यमंत्री बनाया है लोगों को लंबी चौड़ी उम्मीद नहीं थी इनसे लेकिन इन्होंने काफी बेहतर काम किया है मैं बता रहा हूं क्योंकि हमारा भी भविष्य कांग्रेस से जुड़ा हुआ है. उनके साथ जुड़ा हुआ है उन्होंने अच्छा काम किया और अब उन्हें मौका दीजिए लड़ाई के मैदान में घोड़े नहीं बदले जाते.


 सवाल -- सिद्धू या चनन्नी कौन चेहरा हो?


बिल्कुल चन्नी जब मुख्यमंत्री हैं तो वही होने चाहिए यह कोई जैकेट नहीं है जो रोज रोज बदल ली जाए.


सवाल -- चन्नी के भाई निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं चन्नी जी की फोटो लगा रहे हैं और खुलकर कह रहे हैं कि सिद्धू ने उनका टिकट कटवा दिया.


फोटो तो सब अपनी सुविधा के हिसाब से लगाते हैं जैसे आज राघव चड्ढा हमारे लिए बात कर रहे थे इस पार्टी में कोई भी व्यक्ति पार्टी अध्यक्ष को छोड़कर ना तो किसी को टिकट दिलवा सकता है ना कटवा सकता है पार्टी में फैसले प्रक्रिया के जरिए होते हैं इस बात का कोई औचित्य ही नहीं है क्योंकि उनको टिकट नहीं मिली और उन्हें इस बात का मलाल है उम्मीद है कि वह समय रहते इस बात को समझेंगे कि ना तो परिवार के लिए और ना ही कांग्रेस पार्टी के लिए यह ठीक है मुख्यमंत्री कोई छोटा होता नहीं है और आपके घर में मुख्यमंत्री पद आया हुआ है तो आपक यह शोभा नहीं देता


सवाल -- आप लोकतंत्र को मानते हैं तो जब विधायक जो जनता का चुनाव हुआ प्रतिनिधि होता है उनमें से दो विधायक एक को समर्थन करते हैं और 6 विधायक एक को लेकिन आपके साथ 42 विधायक समर्थन करते हैं वह मुख्यमंत्री की दौड़ में ही नहीं है ऐसा क्यों है


-- मुद्दा  40 विधायकों तक सीमित नहीं है आज जो मुद्दा जिसको लेकर उन्होंने इन्फ्रेंस किया जिसमें कहा गया कि पंजाब के अमन शांति में आग लग जाएगी दंगे खड़े हो जाएंगे कि आप नहीं बना सकते(गैर सिख मुख्यमंत्री) राहुल जी के सामने मुद्दा पंजाब की अमन शांति और जो भाईचारे का है, उसको संभाल के रखने का उसके लिए अगर रत्ती भर भी किसी के मन में शंका आती है तो उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता पंजाब की अमन शांति के लिए उन्होंने कहा कि सुनील मेरे से बाहर नहीं है उसका बबनना या ना बनाना कोई बात नहीं है उन्हें पता था सुनील को जो पार्टी कहेगी वह करेगा यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है.


सवाल -- आपको प्रदेश अध्यक्ष भी तो बनाया गया जब अकाली 10 साल से सरकार चला रहे थे 


 मुझे मौका दिया गया मेरी काबलियत देख कर, अगर उनका हाथ ना होता, उन्होंने काम देखा और विश्वास जताया, परिवार में एक ही चौधरी होता है और चौधरी ही फैसला करता है गलत है सही है संगठन इसी तरह से चलती है संगठन चलाने के लिए मजबूती भी चाहिए.


सवाल -- आपने कहा कि चरणजीत सिंह चन्नी को चुन लिया था राहुल गांधी ने 4 महीने पहले भी और अगर आप टेलीकॉलर के जरिए भी उनका नाम आ जाता है तो पार्टी में चिक चिक बाजी तो नहीं होगी क्योंकि आप कह रहे कि फैसला तो लगभग हो गया है


यह मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि यह तो स्वाभाविक है क्योंकि जब मुख्यमंत्री हैं तो हैं इसमें यह नहीं होता कि मैं नहीं मानता हाड मास का पुतला वह भी खड़ा है और आप कहते हो कि मैं नहीं मानता यह क्या बात है आज वह चला रहे हैं कल को कोई और सामने आ जाए ऐसा कैसे हो जाएगा यह मेरी राय है


सवाल-- पार्टी का भविष्य कैसे देखते हैं? क्योंकि आम आदमी पार्टी ने भी सरकार बनाने का दावा किया है और मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर भगवंत मान को आगे रखा है


अगर धागों में विश्वास ना हो तो लड़ाई में आगे कदम नहीं रखा जा सकता हमारे पास किया हुआ काम है और काम बोलता है अकाली हो का दोगला चेहरा पंथक पीठ में छुरा मारा

किसानी की पीठ में छुरा मारा पल्ला झाड़ने से कुछ नहीं होगा काले कानून आप लेकर आए 700 किसान जो मरे जितना भाजपा की जिम्मेदारी है उतनी ही आपकी है पंजाब का बेड़ा गर्क कर दिया पंजाब पर कर्जा चढ़ा कर चले गए, आम आदमी पार्टी के लोग कहते  हैं कि एक मौका दे दो केजरीवाल साहब को दो बार मौका मिले जब 2014 में इनके चार सांसद बने और चारों पंजाब से बने 2017 में नेता विपक्ष भी इनका बना आज अगर केजरीवाल जी से पूछ लो कि उनके विधायक कितने हैं 20 में से 12 तेरह चले गए किसी को नहीं पता कि कंवर संधू कहां है या दूसरे कहां है सांसद जो थे भगवान जी को छोड़कर बाकी सब भी चले गए


सवाल-- आप अपना 111 दिन का काम दिखा रहे है, साढे 4 साल का बैकलॉग भी है?


मैं पूरे 5 साल की बात कर रहा हूं 4 महीने तो चन्नी जी को हो गए. उन्होंने भी काम किया था लेकिन कुछ कमियां थी सेंटीमेंट से जुड़े मुद्दों पर काम नहीं किया गया इसलिए हटाना पड़ा ऐसा तो नहीं सारा ही काम गलत किया.


सवाल  कांग्रेस में सब कुछ ऑल इज वेल है?


सब ठीक है ।