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पंजाब कांग्रेस में घमासान: सिद्धू खेमे को झटका, कैप्टन के डिनर में ये प्रस्ताव हुआ पास

पंजाब कांग्रेस में सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह (CM Capt Amarinder Singh) और नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) खेमे के बीच खींचतान जारी है. इस बीच कैप्टन अमरिंदर सिंह की डिनर पार्टी से एक बड़ी खबर सामने आ रही है.

Updated on: 26 Aug 2021, 11:50 PM

नई दिल्ली:

पंजाब कांग्रेस में सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह (CM Capt Amarinder Singh) और नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) खेमे के बीच खींचतान जारी है. इस बीच कैप्टन अमरिंदर सिंह की डिनर पार्टी से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. कैप्टन के डिनर में मौजूद नेताओं ने प्रस्ताव पास किया है कि '2022 में कैप्टन ही कांग्रेस'. अब यह प्रस्ताव आलाकमान को भेजा जाएगा. इस प्रस्ताव पर पंजाब कांग्रेस के 59 विधायकों (10 पंजाब कैबिनेट मंत्री मिलाकर) और 8 सांसदों ने सहमति जताई है. कैप्टन के डिनर में सिद्धू खेमे के 10 विधायक दिखे.

पंजाब कांग्रेस में मची रार के बीच सूबे के पार्टी अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को बड़ा तगड़ा झटका लगा है. कैप्टन की इस डिनर पार्टी से सिद्धू खेमे में मायूसी है. बताया जा रहा है कि पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के पास अब सिर्फ 19 विधायक (4 कैबिनेट मंत्री) ही हैं. सूत्रों के मुताबिक, आलाकमान से नंबर के आधार पर कैप्टन खेमा मांगेगा कि कैप्टन को बतौर 2022 कांग्रेस सीएम फेस अनाउंसमेंट किया जाए. 

सलाहकारों की बर्खास्तगी का सिद्धू पर भारी दबाव, आलाकमान का अल्टीमेटम

सीएम अमरिंदर सिंह से सीधे पंगा मोल लेने और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार संभालने वाले नवजोत सिंह सिद्धू खुल कर कैप्टन विरोध को हवा दे रहे हैं. इस बीच उनके सलाहकारों ने जम्मू-कश्मीर समेत पाकिस्तान पर बेतुकी बयानबाजी कर दी, जिसके बाद कांग्रेस आलाकमान के लिए मुंह छिपाना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में कांग्रेस के भीतर से सिद्धू पर अपने सलाहकारों पर कड़ी कार्रवाई का दबाव बनना शुरू हो गया है. इस कड़ी में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने तो दो-टूक कह दिया है कि सिद्धू को अपने सलाहकारों को बर्खास्त कर देना चाहिए. ऐसा नहीं होने पर कांग्रेस आलाकमान को यह काम खुद करना पड़ेगा.

कांग्रेस के भीतर और बाहर से पड़ रहा दबाव

गौरतलब है कि नवजोत सिंह सिद्धू के दो सलाहकार मालविंदर सिंह माली और प्यारे लाल गर्ग बीते कुछ दिनों से पाकिस्तान, कश्मीर और इंदिरा गांधी पर अपने बेतुके बयानों से सुर्खियों में हैं. यही नहीं, मालविंदर तो सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोले हुए हैं. यहां तक कि अपनी एक फेसबुक पोस्ट में माली ने अमरिंदर सिंह को 'अली बाबा' और उनके सहयोगियों को 'चालीस चोर' करार दिया था. यह अलग बात है कि जम्मू-कश्मीर को आजाद बताने के बाद उन पर ही संकट के बादल छा गए हैं. कांग्रेस के भीतर समेत बीजेपी के कई नेता इस बयान पर गांधी परिवार को घेर रहे हैं. 

सिद्धू उठाएं कदम या पार्टी खुद करेगी फैसला

ऐसे में एनडीटीवी से बातचीत में पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने बेलौस अंदाज में कहा है कि पूरी पार्टी और राज्य को भी माली के बयानों पर आपत्ति है. जम्मू-कश्मीर पर कांग्रेस का स्टैंड एकदम साफ है और वह यह कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है. ऐसे में कांग्रेस आलाकमान इस असहज बयान से कैसे निपटेगा प्रश्न पर उन्होंने साफ कहा कि इन सलाहकारों की नियुक्ति पार्टी ने नहीं की थी. उन्हें खुद नवजोत सिंह सिद्धू ने चुना था. ऐसे में पार्टी ने सिद्धू से उन्हें बर्खास्त करने के लिए कहा है. अगर वह ऐसा नहीं करते हैं, तो मैं करूंगा. हम ऐसे लोग नहीं चाहते जो पार्टी को शर्मिंदा करें और विपक्ष को बेवजह पार्टी के सिद्धांतों पर अंगुली उठाने का मौका दें.