पंजाब: विवादित बयानबाजी से गरमाई सियासत, हरीश रावत से मिलेंगे सिद्धू गुट के नेता
पंजाब कांग्रेस के मुखिया नवजोत सिंह सिद्धू के एडवाइजर की ओर से की गई बयानबाजी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है
नई दिल्ली:
पंजाब कांग्रेस के मुखिया नवजोत सिंह सिद्धू के एडवाइजर की ओर से की गई बयानबाजी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. जम्मू—कश्मीर, पाकिस्तान और अब फेसबुक पर पोस्ट की गई पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तस्वीर को लेकर सिद्धू विपक्षी पार्टियों के ही नहीं, बल्कि कांग्रेस नेताओं के भी निशाने पर आ गए हैं. यही वजह है कि सिद्धू के सलाहकार फिलहाल अपनी बयानबानी को लेकर सफाई देने में लगे हैं. इस क्रम में सिद्धू खेमे के कुछ नेता आज देहरादून में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत से मुलाकात करेंगे.
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Punjab Congress leaders from Navjot Singh Sidhu camp will meet AICC in-charge of Punjab, Harish Rawat today in Dehradun, Uttarakhand
— ANI (@ANI) August 24, 2021
(file photo) pic.twitter.com/6qzxV3jDZg
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के एडवाइजर के बयान से राजनीतिक हलचल पैदा हो गई है. भाजपा समेत कांग्रेस के भी कुछ निंदा इन बयानों को लेकर सिद्धू पर निशाना साध रहे हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पंजाब के प्रभारी हरीश रावत ने एक दिन पहले सोमवार को कहा था कि मैंने जानकारी मांगी थी. नवजोत सिद्धू समेत कुछ अन्य लोगों का कहना है कि बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया. क्योंकि चुनाव के समय राजनीतिक लाभ लेने के लिए कुछ दल ऐसा करते हैं, इसलिए संभावना है कि बयानों को तोड़ा मरोड़ा गया हो. रावत ने कहा कि मैं पार्टी की ओर से स्पष्ट करना चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. किसी को भी उस स्थिति पर संदेह करने का अधिकार नहीं है.
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आपको बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले 'बदलने' की मांग ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है और कांग्रेस के 34 'नाराज' विधायकों, जिनमें चार कैबिनेट मंत्री शामिल हैं, ने मंगलवार को हाई कमांन से अपने फैसले से अवगत कराने का फैसला किया है. नाराज विधायक स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि पार्टी के लिए चुनाव से पहले गार्ड बदलने का विकल्प चुनने का समय आ गया है. तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने यहां मीडिया से कहा, "मुख्यमंत्री बदलना पार्टी आलाकमान का विशेषाधिकार है. लेकिन हमारा उन पर से विश्वास उठ गया है." उन्होंने कहा कि विधायकों ने सरकार द्वारा चुनावी वादों को पूरा नहीं करने पर पार्टी कार्यकर्ताओं की असहमति के बारे में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को जल्द से जल्द अवगत कराने के लिए सर्वसम्मति से पांच सदस्यीय समिति को अधिकृत किया.
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