पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ( Punjab CM Charanjit Singh Channi ) ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 'भारत बंद' ( Bharat Bandh' ) के विरोध के मद्देनजर मंत्रिपरिषद ( Council of Ministers ) के साथ आपात बैठक की अध्यक्षता की. मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार मंत्रिपरिषद ने किसानों और उनकी मांगों के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया. आपको बता दें कि तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को खत्म करने की मांग को लेकर किसान यूनियनों के सोमवार को 10 घंटे के राष्ट्रव्यापी बंद को पंजाब और हरियाणा में जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली. हजारों किसानों ने दिल्ली को जोड़ने वाले 1 राष्ट्रीय राजमार्ग सहित प्रमुख राजमार्गो को अवरुद्ध कर दिया.
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में बड़ा निर्णय लिया गया. बताया गया कि पंजाब के मंत्री भारत बंद के दौरान मारे गए किसान के घर जाएंगे. ये मंत्री मृतकों के परिवार को नियुक्ति पत्र सौंपेंगे. इसके साथ ही बैठक में केवल किसानों के मुद्दे पर चर्चा हुई. वहीं, बंद के दौरान व्यापारियों द्वारा आंदोलनकारी किसानों को समर्थन दिए जाने के कारण अधिकांश कस्बों में दुकानें और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। बंद खत्म होने के बाद ही उन्होंने अपने प्रतिष्ठान खोले. हालांकि, दोनों राज्यों में कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है. आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को नाकाबंदी से छूट दी गई थी.
पंजाब और हरियाणा में कई घंटों तक यातायात बुरी तरह प्रभावित रहा, क्योंकि किसान, खेत मजदूर, कमीशन एजेंट, ट्रेड और कर्मचारी संघ व राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक राष्ट्रीय राजमार्गो पर बैठे रहे. प्रदर्शनकारी किसानों ने अपने ट्रैक्टर पंजाब और हरियाणा दोनों में राजमार्गो और प्रमुख संपर्क सड़कों पर खड़े कर दिए और बीच सड़क पर बैठ गए। यहां तक कि भारतीय सेना के काफिले को भी जालंधर शहर में आधे घंटे के लिए रोका गया और किसानों ने दस्तावेजों की जांच के बाद ही उसे आगे बढ़ने की अनुमति दी. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हरियाणा और पंजाब में विभिन्न स्थानों पर भारी पुलिस बल की मौजूदगी देखी गई। पुलिस ने कई जगहों पर ट्रैफिक डायवर्ट किया, क्योंकि किसानों ने हाईवे जाम कर दिया.