पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35 A को खत्म करने पर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस मामले को संसद में ला सकते थे. इस पर एक अच्छी चर्चा हो सकती थी. अगर दोनों सदन में दो तिहाई बहुमत होती तो आप संविधान में बदलाव कर सकते थे. इसके बाद आप धारा 370 और 35 A को हटा सकते थे.
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लेकिन इसे एकतरफा करके हटाया गया. कश्मीर के लोगों से सलाह लिए बिना यह कदम उठाया गया है. राजनीतिक पार्टी के साथ या संसद के माध्यम से ले जाने के बिना इस धारा को हटाया गया. यह संविधान के सार के खिलाफ है.
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मोदी ने सोमवार (5 अगस्त) को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया. जम्मू-कश्मीर पर लिए गए चार बड़े फैसले के प्रस्ताव गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश किए जाने के कुछ समय बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक अधिसूचना जारी की. जिसमें कहा गया कि फैसले तत्काल प्रभाव से लागू होगी. अधिसूचना ने यह भी स्पष्ट किया गया है कि समय-समय पर संशोधित किए गए भारतीय संविधान के सभी प्रावधान, जम्मू और कश्मीर राज्य के संबंध में लागू होंगे.
राज्यसभा में अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने के लिए सोमवार को राज्य पुनर्गठन विधेयक भी पेश किया. अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर दिल्ली और पुड्डुचेरी की तरह केंद्र शासित प्रदेश रहेगा यानी यहां विधानसभा रहेगी. वहीं लद्दाख की स्थिति चंडीगढ़ की तरह होगी, जहां विधानसभा नहीं होगी.
HIGHLIGHTS
- कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिया बड़ा बयान
- धारा 370 और 35 ए को हटाने पर दिया बयान
- बोले संविधान के सार के खिलाफ है