Punjab: मान सरकार की बड़ी सफलता, राज्य में पराली जलाने की घटनाओं में आई कमी
Punjab : पंजाब में सीएम भगवंत मान ने धान की पराली जलाने की समस्या से निजात पाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. पंजाब सरकार के लगातार प्रयासों से काफी सकारात्मक परिणाम भी मिले हैं.
चंडीगढ़:
Punjab : पंजाब में सीएम भगवंत मान ने धान की पराली जलाने की समस्या से निजात पाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. पंजाब सरकार के लगातार प्रयासों से काफी सकारात्मक परिणाम भी मिले हैं. अब राज्य में पराली में आग लगाने की संख्या में काफी कमी आई है. 2022 में आग लगने की संख्या 5798 थी, जोकि घटकर 2023 में 2704 हो गई है. इस मामले में 25 अक्टूबर 2022 की तुलना में 25 अक्टूबर 2023 तक 53 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. हर साल 15 सितंबर से पराली में आग लगाने की घटना शुरू होती है.
यह भी पढ़ें :Rajasthan: डोटासरा पर ED ने मारी रेड तो कांग्रेस ने बताई कार्रवाई के पीछे की वजह, जानें क्या है पूरा मामला
31 लाख हेक्टेयर में धान की खेती करने वाला राज्य पंजाब करीब 20 मिलियन टन धान का भूसा पैदा करता है. सरकार ने इस चुनौती से निपटने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाया और इन-सीटू (ऑन-फील्ड) एवं एक्स-सीटू (ऑफ-फील्ड) धान के भूसे प्रबंधन में पहल को लागू किया. इन-सीटू प्रबंधन पहल के तहत किसान समूहों के लिए 80 फीसदी सब्सिडी और व्यक्तिगत किसानों के लिए 50 फीसदी सब्सिडी पर फसल अवशेष प्रबंधन (CRM) मशीनों का प्रावधान शामिल है.
राज्य सरकार ने कटाई के मौसम से पहले सितंबर में 24,000 मशीनों की खरीद को अनुमति दे दी है, जिनमें से किसानों के उपयोग में 16,000 मशीनें पहले से ही हैं. साथ ही प्रत्येक ब्लॉक में कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना के लिए जिलों को 7.15 करोड़ रुपये दिया गया है. यह सुनिश्चित किया गया कि छोटे और सीमांत किसानों को सीआरएम मशीनें फ्री दी जाएं.
राज्य में कुल 1.35 लाख CRM मशीनें हैं और उनके उपयोग को अधिक करने के लिए ठोस प्रयास चल रहे हैं. राज्य ने इन मशीनों के उपयोग पर नजर रखने को एक प्रणाली स्थापित की है और मशीनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए उच्च स्तरीय अधिकारियों द्वारा साप्ताहिक समीक्षा की जा रही है.
यह भी पढ़ें :Punjab: BSF जवानों ने अमृतसर में PAK के नापाक मंसूबों को किया नाकाम, जानें बरामद ड्रोन में क्या मिले?
राज्य ने सीआरएम मशीनों या सरफेस सीडर के लिए एक कुशल और लागत प्रभावी संयोजन पेश किया है. इसे 500 किसानों की ओर से खरीदा गया है. इस क्षेत्र में धान के भूसे का उपयोग करने के लिए किए गए हस्तक्षेप को स्वच्छ ईंधन का उत्पादन करने को भूसे का उपभोग करने वाले उद्योगों को स्थापित करने के राज्य के दबाव से पूरक किया गया है. राज्य में यह प्रयास उद्योग-अनुकूल माहौल बनाने और औद्योगिक इकाइयों का विस्तार करने की राज्य सरकार की नीति के अनुरूप है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Shani Jayanti 2024: ये 4 राशियां हैं शनिदेव को बहुत प्रिय, शनि जयंती से इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन!
-
Aaj Ka Panchang 6 May 2024: क्या है 6 मई 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल
-
Love Rashifal 6 May 2024: इन राशियों का आज पार्टनर से हो सकता है झगड़ा, जानें अपनी राशि का हाल
-
Somwar Ke Upay: सोमवार के दिन करें ये चमत्कारी उपाय, शिव जी हो जाएंगे बेहद प्रसन्न!