पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ अपना विवाद सुलझाने को लेकर मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अब नया पैंतरा अपनाया है. सिद्धू ने कांग्रेस आलाकमान और अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने तीन शर्तें रखी हैं. सिद्धू की पहली शर्त है कि उन्हें नये बिजली मंत्रालय के साथ-साथ पंजाब का डिप्टी सीएम बनाया जाए. दूसरी शर्त है कि नए मंत्रालय के साथ उन्हें पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया जाए. वहीं तीसरी शर्त में उन्होंने कहा है कि अगर ये दोनों नहीं कर सकते तो उन्हें उनका पुराना स्थानीय निकाय मंत्रालय एक बार फिर वापस दे दिया जाए.
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कांग्रेस नेता राजकुमार वेरका ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू के मंत्रालय ना संभालने को लेकर पंजाब के अंदर कोई मुद्दा नहीं है और जिस तरह से आए दिन खबरें आ रही हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू मंत्रालय के साथ-साथ अन्य पद चाहते हैं इसको लेकर हाईकमान के साथ कोई बारगेनिंग नवजोत सिंह सिद्धू नहीं कर रहे हैं. ऐसा कुछ नही है वेरका ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू को जो मंत्रालय दिया गया है बिजली विभाग उसको प्रदेश के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह देख रहे हैं और जो बिजली की समस्या पंजाब में है वैसा कुछ भी नहीं है.
बीजेपी ने साधा निशाना
वहीं पंजाब के बीजेपी के नेता अरविंद मित्तल का कहना है कि नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के मतभेद किसी से छिपे नहीं हैं और जिस तरह से सिद्धू अपना भी भाग नहीं संभाल रहे हैं उससे जनता का नुकसान हो रहा है उन्होंने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू महत्वाकांक्षी नेता है और वह पंजाब के मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. इसी को लेकर यह सारा का सारा विवाद हो रहा है और इसके कारण प्रदेश के किसानों और आम जनता पिस रही है.
Source : News Nation Bureau