विपक्ष ने कृषि कानूनों के खिलाफ विधेयक पेश नहीं करने पर सरकार की आलोचना की
विपक्षी पार्टियों ने पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में विधेयक पटल पर नहीं रखने को लेकर राज्य सरकार की सोमवार को आलोचना की.
चंडीगढ़:
विपक्षी पार्टियों ने पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में विधेयक पटल पर नहीं रखने को लेकर राज्य सरकार की सोमवार को आलोचना की. इस दौरान ‘आप’ विधायकों ने सदन में धरना भी दिया. सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है. आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक देर शाम तक विधानसभा के बीचों-बीच बैठे रहे, जिसके बाद वे विधानसभा के बाहर गैलरी में चले गए, लेकिन वे सदन परिसर के भीतर ही रहे और उन्होंने उस विधेयक की प्रतियों की मांग की, जिसे मंगलवार को राज्य की कांग्रेस सरकार पेश करने वाली है. इससे पहले, पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि वे मुद्दे पर संविधान विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा कर रहे हैं और सत्र के दौरान पटल पर रखे जाने वाले विभिन्न विधेयकों की प्रतियां विपक्षी पार्टी के सदस्यों को शाम तक मुहैया करा दी जाएंगी.
बाद में नेता विपक्ष एवं आप नेता हरपाल चीमा ने देर रात कहा, ‘‘हम यहां रातभर बैठेंगे और प्रदर्शन जारी रखेंगे क्योंकि हमें सत्र के दौरान पेश होने वाले इस विधेयक और अन्य विधेयकों को प्रतियां अब तक नहीं मिली हैं.’’ इससे पहले, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और विधानसभा के अधिकारियों ने आप नेताओं को प्रदर्शन बंद करने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे. उल्लेखनीय है कि चार साल पहले सत्तारूढ़ शिअद-भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की मांग को लेकर उस समय विपक्ष में रही कांग्रेस के विधायकों ने विधानसभा में रात बिताई थी. इस बीच, राज्य विधानसभा में शिअद ने कहा कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ विधेयक सोमवार को ही पेश किया जाना चाहिए था. पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा अध्यक्ष राणा के पी सिंह से शाम को मुलाकात की और विधेयकों की प्रतियां नहीं मिलने पर आपत्ति जताई.
शिअद नेताओं ने इसे ‘‘लोकतंत्र की हत्या’’ करार दिया. इससे पहले, विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र शोक प्रस्ताव पेश करने के साथ शुरू हुआ और कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि देने में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सदन की अगुवाई की. कांग्रेस के विधायक नवजोत सिंह सिद्धू ने पिछले साल कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद पहली बार विधानसभा के सत्र में हिस्सा लिया. शिअद विधायक कृषि कानूनों के विरोध में ट्रैक्टरों पर चढ़कर विधानसभा पहुंचे. उन्होंने केंद्र सरकार के कानून की प्रतियों को फाड़ दिया. आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों ने काली टोपियां पहन कर विधानसभा परिसर के बाहर प्रदर्शन किया. उन्होंने कृषि कानूनों की प्रतियों को फाड़ा और जलाया. विधानसभा अध्यक्ष केपी सिंह राणा ने शोक प्रस्ताव के बाद सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी थी.
सदन की कार्यवाही 15 मिनट चली और फिर मंगलवार तक स्थगित कर दी. कार्यवाही फिर से शुरू होने पर, हरपाल चीमा ने कहा कि विशेष सत्र नए कृषि कानून का प्रतिकार करने के लिए आहूत किया गया था, लेकिन सदस्यों को विधेयकों की प्रतियां नहीं दी गई हैं. शिअद के सदस्य गुरप्रताप सिंह वडाला ने कहा कि ऐसा लगता है कि राज्य सरकार के पास मुद्दे को लेकर "स्पष्टता नहीं है." उन्होंने कहा कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ मुख्य विधेयक को सबसे पहले पटल पर रखना चाहिए था और सदन में चर्चा करानी चाहिए थी. शिअद के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने पत्रकारों से आरोप लगाया कि पंजाब की कांग्रेस सरकार और केंद्र सरकार के बीच "फिक्सड मैच" चल रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि राज्य सरकार केंद्र के दबाव में हैं. सरकार को स्पष्ट नहीं है कि उसे क्या करने की जरूरत है. वित्त मंत्री बादल ने सदन में सदस्यों से कहा कि सदन में पेश किए जाने वाले विधेयकों की प्रतियां उन्हें शाम में मिल जाएंगी. उन्होंने कहा कि जहां तक कृषि कानूनों के प्रतिकार का संबंध है, सरकार पहले से ही संवैधानिक विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा कर रही है.
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