logo-image

पंजाब: प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे सिद्धू, जानें क्या हुआ

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और राज्य के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच मंगलवार को बैठक हुई. इस मीटिंग में नवजोत सिंह सिद्धू के साथ साथ चार वर्किंग कांग्रेस अध्यक्ष भी उपस्थित रहें.

Updated on: 27 Jul 2021, 07:22 PM

नई दिल्ली:

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) और राज्य के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह (CM Amarinder Singh) के बीच मंगलवार को बैठक हुई. इस मीटिंग में नवजोत सिंह सिद्धू के साथ साथ चार वर्किंग कांग्रेस अध्यक्ष भी उपस्थित रहें. प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालने के बाद पहली बार नवजोत सिद्धू और अमरिंदर सिंह के बीच आधिकारिक बैठक हुई. इस दौरान सिद्धू ने CM कैप्टन से मिलकर उन्हें एक चिट्ठी दी है. उन्होंने कांग्रेस आलाकमान की ओर से पंजाब सरकार की कार्यप्रणाली को बेहतर करने को बनाया गया 18-सूत्रीय कार्यक्रम भी याद दिलाया. 

नवजोत सिंह सिद्धू ने इस चिट्ठी की पहली ही लाइन में लिखा कि पंजाब सरकार को आज और दृढ फैसले लेने की जरूरत है. पंजाब में सबको साथ लेकर चलने वाली लीडरशिप की जरूरत है. उन्होंने एक बार फिर अपनी चिट्ठी में वही तमाम मुद्दे उठाए, जिन्हें लेकर वे पूर्व में अपनी ही पार्टी की सरकार को घेरते रहे हैं. 

आपको बता दें कि सिद्धू के राज्याभिषेक से ठीक एक दिन पहले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सभी सांसदों को शुक्रवार को चाय के लिए आमंत्रित किया और फिर नवजोत सिंह सिद्धू के नेतृत्व में राज्य कांग्रेस की नई टीम के कार्यभार संभालने के समारोह में शामिल हुए थे.

सिद्धू ने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए नाराज मुख्यमंत्री को कार्यकारी अध्यक्षों, कुलजीत सिंह नागरा और संगत सिंह गिलजियान के माध्यम से कुछ 62 विधायकों द्वारा हस्ताक्षरित एक निमंत्रण भेजा था. इससे पहले मुख्यमंत्री का खेमा अपनी मांग पर अड़ा हुआ था कि सिद्धू को पहले बिजली संकट और बेअदबी के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ अपनी कथित टिप्पणी पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए और फिर वह उनसे मुलाकात करेंगे.

एकजुटता और ताकत के पहले प्रदर्शन में, सिद्धू ने 62 विधायकों के साथ, जिसमें चार कैबिनेट मंत्री शामिल थे, उन्होंने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में भी मत्था टेका था. हालांकि मुख्यमंत्री और उनके करीबी सिद्धू के अपने निर्वाचन क्षेत्र अमृतसर (पूर्व) और वहां के धार्मिक स्थलों के पहले दौरे से नदारद थे.

18 जुलाई को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा इस पद पर नियुक्त किए जाने के बाद सिद्धू की अमृतसर की यह पहली यात्रा थी, जिसके बाद पंजाब में कांग्रेस के भीतर व्यस्त लॉबिंग और बातचीत समाप्त हो गई.