मोहाली के पॉक्सो अदालत ने 2018 के जीरकपुर यौन उत्पीड़न और बलात्कार मामले में पादरी बजिंदर सिंह को दोषी ठहराया है. कोर्ट एक अप्रैल को इस मामले में सजा सुनाएगी. शुक्रवार को बजिंदर के साथ छह अन्य आरोपी मोहाली की पॉक्सो अदालत में पेश हुए. अन्य पांच आरोपियों को अदालत ने सबूतों के आभाव में बरी कर दिया. यह मामला 2018 में जीरकपुर का है. यहां पर एक महिला से यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं. 2018 पादरी बजिंदर को उस समय गिरफ्तार किया था जब वह दिल्ली एयरपोर्ट पर लंदन जाने वाली फ्लाइट में सवार होने का प्रयास कर रहा था.
चमत्कार के जरिए बीमारियों को ठीक करने का दावा
पीड़िता की शिकायत थी कि चमत्कार के जरिए बीमारियों को ठीक करने का दावा किया गया था. जीरकपुर पुलिस ने जालंधर के पादरी बजिंदर सिंह समेत कुल सात लोगों पर मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में पादरी के साथ अकबर भट्टी, राजेश चौधरी, सुच्चा सिंह, जतिंदर कुमार, सितार अली और संदीप उर्फ पहलवान को नामजद किया गया. इनके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए. पुलिस ने अपनी चार्जशीट में बताया कि ताजपुर गांव में 'द चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विज्डम' के पादरी बजिंदर सिंह ने जालंधर में नाबालिग पीड़ित के साथ गलत हरकत की.
स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन
बजिंदर ने उसके फोन नंबर को अश्लील मैसेज भेजने शुरू कर दिए. उसे चर्च में अकेले केबिन में बैठाना शुरू कर दिया. यहां पर उसके साथ गलत हरकत करता था. इस मामले में कपूरथला पुलिस ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया था.
जालंधर में दुष्कर्म का केस
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले बजिंदर सिंह पर जालंधर में एक अन्य 22 वर्षीय महिला ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इस मामले में कानूनी प्रक्रिया जारी है. वहीं हाल ही में एक वायरल वीडियो में पादरी बजिंदर सिंह को अपने दफ्तर में एक महिला और कर्मचारियों से मारपीट करते हुए देखा गया. मोहाली पुलिस ने इस दुष्कर्म केस की जांच आरंभ कर दी है. इस केस में पंजाब राज्य महिला आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने सख्त रुख दिखाया है.