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लोकसभा चुनाव

राज्यों के अधिकारों को छीन रही है केन्द्र की मोदी सरकार: भगवंत मान

आम आदमी पार्टी (आप) ने भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) में पंजाब की स्थाई सदस्यता खत्म करना अधिकारों का हनन करना है. शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय से जारी एक बयान में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, सांसद और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान ने क

Updated on: 25 Feb 2022, 06:08 PM

नई दिल्ली :

आम आदमी पार्टी (आप) ने भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) में पंजाब की स्थाई सदस्यता खत्म करना अधिकारों का हनन करना है. शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय से जारी एक बयान में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, सांसद और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान ने कहा कि केंद्र में भाजपा की मोदी सरकार कांग्रेस से एक कदम आगे बढ़कर राज्यों के अधिकारों पर हमला करने पर जुट गई है. यह भारत की संघीय व्यवस्था पर सीधा आघात है. भगवंत मान बीबीएमबी प्रबंधन में पंजाब के महत्व को कम करने के लिए की जा रही केंद्रीय कार्रवाई की कड़ी निंदा की है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नवीनतम सहित पिछले सभी पंजाब विरोधी फैसलों की समीक्षा करने और पंजाब के अधिकारों को बहाल करने की अपील की है.

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मान ने कहा कि "केंद्र सरकार को पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार त्याग कर बीबीएमबी के नियमों में मनमाने फैसले लेने से बचना चाहिए. उन्होंने कहा कि बीबीएमबी पंजाब ऐसा प्रबंधन है जिसे पंजाब से बाहर करने की सैकड़ों साजिशें रची गई हैं. पहले केंद्र में काबिज कांग्रेस की सरकारों ने किया, अब भाजपा की मोदी सरकार भी उसी रास्ते पर चल रही है.भगवंत मान ने कहा कि बीबीएमबी प्रबंधन में पंजाब के प्रभुत्व कम करने के लिए केंद्र की भाजपा और कांग्रेस की सरकारों के साथ साथ पंजाब पर दशकों से शासन करती आ रही कांग्रेस- कैप्टन और अकाली दल की सरकारें भी बराबर जिम्मेदार है. पंजाब की लूट के खिलाफ इन सरकारों ने कभी आवाज नहीं उठाई,क्योंकि उनके लिए हमेशा ही पंजाब और पंजाबियों की तुलना में अपने व्यक्तिगत हित सबसे पहले रहे हैं. जिसका खामियाजा आज पंजाब और पंजाबियों को उठाना पड़ रहा है.

भगवंत मान ने कहा कि वह इस मामले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने उठाएंगे. उन्होंने कहा कि 10 मार्च को आम आदमी पार्टी के पक्ष में पंजाब के लोगों द्वारा फतवे की घोषणा के बाद पंजाब के अधिकारों से जुड़े सभी मुद्दों को केंद्र सरकार के सामने गंभीरता से उठाया जाएगा. साथ ही पंजाब के हितों की रक्षा की जाएगी. भगवंत मान ने यह भी कहा कि किसान आंदोलन के दौरान बने पंजाब और हरियाणा के आपसी भाईचारे को तोड़ने के लिए दोनों राज्यों को भ्रमित करने के लिए विभिन्न साजिशें रची जा रही हैं. बीबीएमबी प्रबंधन में पंजाब के स्थायी प्रतिनिधित्व को खत्म करना भी इसी साजिश का हिस्सा है.