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मान सरकार में कॉर्पोरेट नहीं, आमलोग बनाएंगे बजट: मालविंदर सिंह कंग

पंजाब बजट-2022 को तैयार करने की प्रक्रिया में मुख्यमंत्री भगवंत द्वारा पंजाब की आम जनता से सुझाव मांगे जाने के फैसले की आम आदमी पार्टी(आप) ने सराहना की

Updated on: 04 May 2022, 08:22 PM

नई दिल्ली:

पंजाब बजट-2022 को तैयार करने की प्रक्रिया में मुख्यमंत्री भगवंत द्वारा पंजाब की आम जनता से सुझाव मांगे जाने के फैसले की आम आदमी पार्टी(आप) ने सराहना की है। आप पंजाब के मुख्य प्रवक्ता मालविंदर सिंह कंग ने बजट को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि 2022 का पंजाब सरकार का बजट सही मायने में आम जनता का बजट होगा। बुधवार को पार्टी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए कंग ने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान मुख्यमंत्री के कुछ करीबी नेता-अफसर और कुछ कॉर्पोरेट मित्रों के सलाह-मशविरे से बजट तैयार हुआ करता था, जिसका फायदा आमलोगों को न होकर बड़े-बड़े कॉर्पोरेट्स और सरकार में बैठे नेताओं को होता था। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने इस पुरानी परंपरा को खत्म कर लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों का पालन करते हुए, जनता का बजट जनता द्वारा ही तैयार कराने का फैसला किया है। पंजाब का बजट अब उद्दोगपति और अफसर नहीं, आम जनता तैयार करेगी। 

कंग ने कहा कि 2022 का पंजाब बजट हर वर्ग को फायदा पहुचाने वाला बजट होगा। किसानों, मजदूरों, नौजवानों, छात्रों, महिलाएं-वृद्ध, कारोबारियों-व्यापारियों सभी वर्ग के लोगों से मिले सुझावों को बजट में शामिल किया जाएगा और उसके अनुसार ही बजट तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बजट प्रक्रिया में आमलोगों के शामिल होने से सरकार तक सीधी उनकी समस्याएं व सुझाव पहुंच सकेंगे, जिससे समस्याओं का समाधान जल्द और आसानी से हो सकेगा। आमलोगों की समस्याएं दूर कर पंजाब को फिर से खुशहाल, संपन्न और समृद्ध बनाना मुख्यमंत्री भगवंत मान का उद्देश्य है और यह उद्देश्य आमलोगों के सहयोग से ही पूरा हो सकता है।  

उन्होंने कहा कि दिल्ली में भी आम आदमी पार्टी की सरकार जनता से पूछ कर ही बजट तैयार करती है। दिल्ली की जनता को बजट प्रक्रिया में शामिल करने से बहुत सारे सुझाव सरकार के समक्ष पहुंचे और उसपर अमल कर केजरीवाल सरकार ने आमलोगों के लिए मुफ्त में अच्छी शिक्षा व चिकित्सा सुविधा एवं मुफ्त बिजली-पानी की व्यवस्था की। पंजाब के लोगों को भी इस फैसले से काफी लाभ मिलेगा और उन्हें सरकार में अपनी हिस्सेदारी का भी आभास होगा। इससे लोगों का सरकार के प्रति विश्वास भी बढ़ेगा।