अभी भी बड़ी कुर्सी पर काबिज है ट्रांसपोर्ट माफिया का मुख्य कर्ता-धर्ता: मीत हेयर
आम आदमी पार्टी ने पूछा कि पूछा कि ट्रांसपोर्ट माफिया को प्रशासनिक सरपरस्ती देने वाले जिन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए थी, उन्हें ही स्टेट ट्रांसपोर्ट दफ्तर में बड़े पद बख्श कर ट्रांसपोर्ट माफिया पर नकेल कैसे कसी जा सकती है.
highlights
- किया सवाल, बादल के सबसे खास अधिकारी को सेवा मुक्ति के बाद कांग्रेस ने क्यों दिया खास तोहफा
- आप ने राजा वडिंग पर पंजाब स्टेट रोड सेफ्टी काउंसिल के डायरेक्टर जनरल के पद के बारे में मांगा स्पष्टीकरण
नई दिल्ली :
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने सत्ताधारी कांग्रेस पर उसके उच्चाधिकारी पर विशेष मेहरबानी के गंभीर आरोप लगाए हैं, जो अकाली-भाजपा सरकार के समय ट्रांसपोर्ट माफिया के मुख्य कर्ता-धर्ता रहे थे. आप ने ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वडिंग को भी आड़े हाथ लेते हुए पूछा कि ट्रांसपोर्ट माफिया को प्रशासनिक सरपरस्ती देने वाले जिन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए थी, उन्हें ही स्टेट ट्रांसपोर्ट दफ्तर में बड़े पद बख्श कर ट्रांसपोर्ट माफिया को व्यवहारिक तौर पर नकेल कैसे कसी जा सकती है? पार्टी मुख्यालय से शनिवार को जारी बयान में मीडिया को दस्तावेज जारी करते हुए पार्टी के यूथ विंग के अध्यक्ष एवं विधायक मीत हेयर ने पंजाब स्टेट रोड सेफ्टी काउंसिल (लीड एजेंसी) और इसके डायरेक्टर जनरल के पद के संबंध में चन्नी सरकार और विशेषकर ट्रांसपोर्ट मंत्री राजा वडिंग को सभी दस्तावेज सार्वजनिक करने की मांग करते हुए पूछा कि यह विशेष पद और दफ्तर किसके आदेशों से बनाया गया. क्या इस पद की कैबिनेट से मंजूरी मिली हुई है?
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मीत हेयर ने आरोप लगाया कि यह पद रोड सेफ्टी (सड़क सुरक्षा) के लिए नहीं, बल्कि बादल-मजीठिया परिवार की अवैध बसों की सेफ्टी के लिए बनाया गया है, जिस पर बादल परिवार के सबसे चहेते आईएएस अधिकारी आर. वेंकट. रत्नम को तीन वर्ष के लिए (दिसंबर 2023) तक रोड सेफ्टी के पद पर काबिज कर दिया, जबकि डायरेक्टर जनरल बनने से पहले आर. वेंकट. रत्नम ताजा-ताजा वामुक्त हुए थे.
मीत हेयर ने बताया कि आर. वेंकट. रत्नम बतौर डिप्टी कमिश्नर बादल परिवार के खास सेवादार के तौर पर चर्चित हुए हैं. जब 2007 में अकाली-भाजपा सरकार सत्ता में आई थी तो सबसे पहली नियुक्ति स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (एसटीसी) के तौर पर आर. वेंकट. रत्नम की ही की गई, जिससे प्रदेश में संघटनात्मक तौर पर ट्रांसपोर्ट माफिया का सरकारी स्तर कब्जा हुआ था. वेंकटरत्नम करीब साढ़े 4 वर्ष तक एसटीसी के पद पर रहे और इस दौरान पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी की कीमत पर सैकड़ों लामबंद रूट बादलों और चहते प्राइवेट ट्रांसपोर्टरों को रेवड़ियों की तरह बांटे गए और हजारों परमिटों में मनमानी बढ़ोतरी की गई. इससे सरकारी खजाने को अरबों रुपये का चूना लगा. इतना ही नहीं बादलों की अगली (2012 से 2017) सरकार में आर. वेंकट. रत्नम ने सेक्रेटरी ट्रांसपोर्ट के तौर पर बादल परिवार को विशेष सेवाएं दी.
मीत हेयर ने आर. वेंकट रत्नम को बतौर डायरेक्टर जनरल पंजाब स्टेट रोड सेफ्टी काउंसिल दी जा रही प्रिंसिपल सेक्रेटरी स्तर की तनख्वाह, भत्ते, गाड़ी, ड्राइवर आदि सुविधाओं पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि पंजाब को आर्थिक तौर पर नुकसान पहुंचाने वाले अधिकारी पर चन्नी सरकार की मेहरबानी पड़े सवाल पैदा करती है.
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