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कोटकपूरा गोलीकांड : सही जांच के लिए बादलों के साथ कैप्टन का भी नार्को टेस्ट हो 

कोटकपूरा गोली कांड मामले में पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी और पूर्व एसएसपी चरणजीत शर्मा की ओर से नार्को टेस्ट करवाने से पलट जाना सिद्ध करता है कि इससे संबंधित दुर्घटनाओं के लिए तत्कालीन शिरोमणि अकाली दल बादल और बीजेपी जिम्मेदार है.

Updated on: 08 Jul 2021, 05:15 PM

चंडीगढ़:

कोटकपूरा गोली कांड मामले में पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी और पूर्व एसएसपी चरणजीत शर्मा की ओर से नार्को टेस्ट (जांच) करवाने से पलट जाना सिद्ध करता है कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी से संबंधित दुर्घटनाओं के लिए तत्कालीन शिरोमणि अकाली दल बादल और भारतीय जनता पार्टी की सरकार जिम्मेदार है. यह बयान आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के विधायक और किसान विंग के सूबा प्रधान कुलतार सिंह संधवां और सीनियर नेता मनविंदर सिंह ग्यासपुरा ने देते कहा कि कोटकपूरा गोली कांड और बहबल कलां बेअदबी कांड का सच जानने के लिए पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी और पूर्व एसएसपी चरणजीत शर्मा समेत तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और गृहमंत्री सुखबीर सिंह बादल का भी नार्को टेस्ट करवाया जाना अति जरुरी है. 

पार्टी के मुख्य दफ्तर से जारी बयान के द्वारा कुलतार सिंह संधवां और मनविंदर सिंह ग्यासपुरा ने कहा कि नई बनाई जांच समिति ने कोटकपूरा गोली कांड का सच जानने के लिए तत्कालीन पुलिस आधिकारियों डीजीपी सुमेध सैनी, बर्खास्त आईजी परमराज सिंह उमरानंगल और एसएसपी चरणजीत शर्मा का नार्को टेस्ट करवाने के लिए जिला अदालत में दरख़्वास्त दी थी, क्योंकि पूर्व पुलिस अधिकारी जांच समिति को जांच पड़ताल में सहयोग नहीं कर रहे. नेताओं ने कहा कि भले ही बर्खास्त आईजी परमराज सिंह उमरानंगल अदालती प्रक्रिया के द्वारा नार्को टेस्ट करवाने के लिए सहमत हो गए हैं, परंतु पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी और एसएसपी चरणजीत शर्मा ने नार्को टैस्ट कराने से साफ मना कर दिया है. 

विधायक संधवां ने कहा कि पुलिस आधिकारियों का नार्को टेस्ट से मुकरना बादल सरकार की ओर से किए पापों पर पर्दा डालने की भद्दी कोशिश है. उन्होंने कहा कि गोली कांड की जांच करने वाली पहली जांच समिति ने इन पूर्व पुलिस आधिकारियों को दोषी करार दिया हुआ है, परंतु कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार बादलों के पाप को लोगों के समक्ष रखने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही. 

संधवां ने कहा कि इन पुलिस आधिकारियों समेत बादलों का भी नार्को टेस्ट करवाना चाहिए, जिससे श्रीगुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी, कोटकपूरा गोली कांड और अन्य घटीं घटनाओं का सच सामने आ सके. उन्होंने कहा कि अगर सरकार की ओर से  बादलों का नार्को टेस्ट नहीं करवाया जाता तो मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का भी नार्को टेस्ट करवाया जाना चाहिए, जिससे कि पता चल सके कि मुख्यमंत्री बादलों का कैसे बचाव कर रहे हैं.

मनविंदर सिंह ग्यासपुरा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार श्री गुटका साहिब की कसम उठा कर सत्ता में आई थी कि सरकार बनने के बाद बेअदबी और गोली कांड के दोषियों को जेल भेजा जाएगा, लेकिन कैप्टन सरकार ने साढ़े चार सालों में कोई कार्रवाई नहीं की, न ही साजिशकर्ताओं और न ही किसी दोषी को सजा दी गई है. 

कैप्टन अमरिंदर सिंह और बादल परिवार के बीच मिलीभगत होने का दोष लगाते मनविंदर सिंह ग्यासपुरा ने कहा कि इंसाफ मांग रही सिक्ख संगत पर पुलिस की गोली चलने के लिए सीधे तौर पर तत्कालीन मुख्यमंत्री और गृहमंत्री जिम्मेदार हैं. ‘आप’ नेताओं ने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर बेअदबी के दोषियों और साजिशकर्ताओं को बचाने वालों को जरूर जेलों में फेंका जाएगा.