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अकाल तख्त प्रमुख ज्ञानी हरप्रीत सिंह की अपील, सिख धर्म को फैलाने के साथ मजबूत करें

अकाल तख्त प्रमुख (Jathedar Akal Takht) ज्ञानी हरप्रीत सिंह (Giani Harpreet Singh) ने पंजाब के गांवों में ईसाई धर्म (Christianity) फैलाने का आरोप लगाया है.

Updated on: 06 Jun 2022, 06:21 PM

highlights

  • कहा, सभी सिखों को हथियार चलाने का प्रशिक्षिण देना चाहिए
  • सिखों को आधुनिक हथियारों की ट्रेनिंग लेनी होगी
  • कहा, आजादी के बाद से ही सिखों को दबाने की नीतियां बन गई थीं

नई दिल्ली:

अकाल तख्त प्रमुख (Jathedar Akal Takht) ज्ञानी हरप्रीत सिंह (Giani Harpreet Singh) ने पंजाब के गांवों में ईसाई धर्म (Christianity) फैलाने का आरोप लगाया है. अमृतसर में सोमवार को ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि सिखों (Sikh) को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. ये हमें धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर बना रहा है. उन्होंने कहा कि वह सभी सिखों, विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वालों से सिख धर्म को फैलाने और मजबूत करने की अपील करते हैं. उन्होंने कहा कि अगर  हम धार्मिक रूप से ताकतवर नहीं हैं, तो हम सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूती नहीं पा सकते. हम राजनीतिक रूप से कमजोर हो जाएंगे. 

ऑपरेशन ब्लू स्टार की सोमवार को 38वीं बरसी के उपलक्ष्य पर ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कौम के नाम संदेश दिया. उन्होंने कहा कि सभी सिखों को हथियार चलाने का प्रशिक्षिण देना चाहिए.  उन्होंने कहा कि सिखों को आधुनिक हथियारों की ट्रेनिंग लेनी होगी. सिख संस्थाओं को गतका अखाड़े में शूटिंग की ट्रेनिंग शुरू करनी चाहिए. जब हम धार्मिक और सामाजिक रूप से कमजोर होते हैं तो राजनीतिक तौर पर भी कमजोर माने जाते हैं. धर्म प्रचारकों को बाहर निकल कर अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए सिखों का प्रचार-प्रसार करना चाहिए. उन्होंने सिखों से अपील करते हुए कहा कि आजादी के बाद से ही सिखों को दबाने की नीतियां बन गई थीं. आजादी ने सिखों को धार्मिक और राजनीतिक रूप से कमजोर किया गया है. अब सिखों को मजबूत होना चाहिए. देश की अर्थव्यवस्था पर खास पकड़ होनी चाहिए.  

 

ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सुरक्षा घटाई 

गौरतलब है कि पंजाब में मूसेवाला की हत्या (Sidhu Moose Wala Murder) से ठीक पहले भगवंत मान (Bhagwant Mann) सरकार ने मूसेवाला सहित कई लोगों की सुरक्षा को कम कर दिया था. अकाल तख्त (Akal Takht) के जत्थेदार (Jathedar) ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सुरक्षा भी कम की गई. वहीं मूसेवाला की हत्या के बाद केंद्र सरकार की तरफ से ज्ञानी हरप्रीत सिंह (Giani Harpreet Singh) को Z श्रेणी की सुरक्षा देने के आदेश दिया गया. इसमें उनके साथ सीआरपीएफ के जवान तैनात होने थे. मगर हरप्रीत सिंह ने केंद्र सरकार की सुरक्षा लेने से मना दिया था.