हरसिमरत कौर ने राहुल गांधी पर साधा निशाना, पूछा पंजाब सरकार की वैक्सीन नीति पर चुप्पी क्यों
पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) ने शुक्रवार को कांग्रेस और पंजाब सरकार पर हमला करते हुए पंजाब में वैक्सीन वितरण की नीति पर कई सवाल खड़े किये. हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि पंजाब सरकार मुनाफाखोरी में लिप्त है.
highlights
- राहुल गांधी की पार्टी की सरकार प्रत्येक खुराक पर 650 रुपये कमा रही है तो वह चुप क्यों हैं?
- पंजाब सरकार मुनाफाखोरी में लिप्त है.
- कैप्टन अमरिंदर सिंह और पार्टी आलाकमान के बीच कुछ समझौता हुआ है.
चंडीगढ़ :
पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) ने शुक्रवार को कांग्रेस और पंजाब सरकार पर हमला करते हुए पंजाब में वैक्सीन वितरण की नीति पर कई सवाल खड़े किये. हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि पंजाब सरकार मुनाफाखोरी में लिप्त है. उन्होंने पंजाब सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि पंजाब सरकार की मंशा क्या है ? वे गरीब लोगों की जान बचाना चाहती हैं या वे गरीबों के लिए बने टीकों से लाभ कमाना चाहती हैं? उन्होंने निजी अस्पतालों से पैसे लेकर घोटाला करने के आरोप लगाए.
हरसिमरत कौर ने राहुल गांधी के टीके पर दिए गए बयान पर कहा कि राहुल गांधी सुझाव देते हैं कि गरीबों को टीके मुफ्त मिलें और जब पंजाब में उनकी पार्टी की सरकार प्रत्येक खुराक पर 650 रुपये कमा रही है तो वह चुप क्यों हैं? उन्होंने कहा कि अगर वह इस विषय पर चुप हैं, तो मुझे लगता है कि इस पर कैप्टन अमरिंदर सिंह और पार्टी आलाकमान के बीच कुछ समझौता हुआ है.
हरसिमरत कौर ने कहा कि यह स्पष्ट है कि उन्होंने निजी अस्पतालों से पैसे लेकर घोटाला किया और गरीबों के लिए बने टीकों का कारोबार किया है. उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों को वैक्सीन बेचने का घोटाला सामने आने के बाद यह आदेश वापस लिया गया है. बता दें कि कोरोना संकट के बीच पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने निजी अस्पतालों को वैक्सीन बेचने का फैसला वापस ले लिया है. अब पंजाब में निजी अस्पतालों को वैक्सीन नहीं दी जाएगी.
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री के बयान पर हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि वे वैक्सीन प्रक्रिया के प्रभारी नहीं हैं. क्या कोई स्वास्थ्य मंत्री अपने मंत्रालय द्वारा जारी आदेशों से हाथ धो सकता है? या उनका ये मतलब है कि यह घोटाला सीएम ने किया है. उनके द्वारा दिए गए ये निराधार बयान हैं. किसान आंदोलन पर भी उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा कि जो किसान पिछले 6 महीनों से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं, वे मनोरंजन के लिए नहीं हैं. अब तक 500 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है. उन्होंने आगे कहा कि किसानों को कोविड सुपर स्प्रेडर कहा जा रहा है. अगर वे सुपर-स्प्रेडर्स हैं, तो चुनावी रैलियां और कुंभ मेला क्या थे?
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