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सरकार गठन से पहले ही एक्शन मोड़ में भगवंत मान, VVIP सिक्योरिटी पर चलाई कैंची

पंजाब में आम आदमी पार्टी एक मजबूत विकल्प के रूप में उभरी है. बंपर जीत मिलने के बाद आप नेता भगवंत बिना शपथ लिए ही एक्शन मोड़ में आ गए हैं. उन्होने पंजाब मे वीवीआईपी सुरक्षा पर कैंची चला दी है. यही नहीं मुख्यमंत्री शपथ से पहले ही आलाधिकारियों को कईयों

Updated on: 12 Mar 2022, 06:17 PM

highlights

  • भगवंत मान ने अभी तक नहीं ली है मुख्यमंत्री की शपथ 
  • शपथ लेने से पहले ही जारी कर दिये वीवीआपी की सुरक्षा हटाने के आदेश 
  • तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुरक्षा पर भी छाए संकट के बादल 

नई दिल्ली :

पंजाब में आम आदमी पार्टी एक मजबूत विकल्प के रूप में उभरी है. बंपर जीत मिलने के बाद आप नेता भगवंत बिना शपथ लिए ही एक्शन मोड़ में आ गए हैं. उन्होने पंजाब मे वीवीआईपी सुरक्षा पर कैंची चला दी है. यही नहीं मुख्यमंत्री शपथ से पहले ही आलाधिकारियों को कईयों की सुरक्षा हटाने के आदेश भी जारी कर दिये हैं. मान के निर्देश पर राज्य सरकार ने कई वीवीआईपी और बड़े नेताओं की सरकारी सुरक्षा पर कैंची चला दी है. इस एक्शन से इशारा साफ है कि आने वाले दिनों में सूबे में कई अहम बदलाव देखने को मिल सकते हैं. आपको बता दें कि शनिवार को पंजाब में पूर्व विधायकों, पूर्व मंत्रियों और कई VVIP से सिक्योरटी वापस लेने के ऑर्डर जारी किए गए हैं.

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आपको बता दें कि भगवंत मान 16 मार्च को पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. लेकिन उससे पहले ही उन्होने सिर्फ बादल परिवार जिन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर सुरक्षा मिली हुई है, के अलावा कैप्टन अमरिंदर सिंह और चरणजीत सिंह चन्नी जैसे पूर्व मुख्यमंत्रियों को छोड़कर अन्य तमाम कांग्रेस और अकाली दल के बड़े नेताओं की सुरक्षा में कटौती कर दी गई है और कई पूर्व विधायकों से सुरक्षा वापस ले ली गई है. यही नहीं इससे एक दिन पहले ही पंजाब के होने वाले नए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वेणु प्रसाद को अपना प्रिंसिपल सेक्रेटरी नियुक्त किया. वेणु प्रसाद 1991 बैच के आईएएस हैं. 

आपको बता दें कि शपथ ग्रहण समारोह नवांशहर जिले के खटकरकलां में आयोजित किया जाएगा. जिसमें  दिल्ली  के मुख्यमंत्री और आप संयोजग केजरीवाल के अलावा कई बड़े नेताओं के शिरकत करने की खबर है . पंजाब में 117 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 92 सीतें जीतकर बहुमत हासिल किया है, जबकि कांग्रेस 18 सीटों पर सिमट गई है. वहीं,  शिरोमणि अकाली दल के खाते में 3 और बीजेपी को 2 और बसपा को महज 1 सीट पर संतोष करना पड़ा.