पंजाब एकता पार्टी के विधायक खैरा के 8 ठिकानों पर ईडी के छापे
ईडी अधिकारियों की एक टीम ने चंडीगढ़ में खैरा के सेक्टर-5 स्थित आवास पर भी तलाशी ली. छापे के समय खैरा अपने वकील बेटे के साथ घर में मौजूद थे. खैरा भोलाथ से विधायक और पूर्व नेता विपक्ष हैं.
highlights
- साल 2019 में खैरा ने एक नया क्षेत्रीय राजनीतिक संगठन बनाया.
- सुखपाल सिंह खैरा ने पंजाबी एकता पार्टी स्थापित किया.
- 8 मार्च को खैरा ने ट्वीट करके किसानों का समर्थन किया था.
नई दिल्ली/चंडीगढ़:
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को ड्रग्स, धनशोधन और फर्जी पासपोर्ट गिरोह मामले में चंडीगढ़, पंजाब और दिल्ली समेत पंजाब एकता पार्टी के विधायक सुखपाल सिंह खैरा के आठ ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. ईडी ने दिल्ली में खैरा के दामाद की संपत्ति पर भी छापेमारी की. जांच से जुड़े ईडी के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि खैरा से जुड़े कई परिसरों में सुबह से ही तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया था. अधिकारी ने कहा कि पंजाब में पांच स्थानों पर, चंडीगढ़ में एक और दिल्ली में दो स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया गया.
ईडी अधिकारियों की एक टीम ने चंडीगढ़ में खैरा के सेक्टर-5 स्थित आवास पर भी तलाशी ली. छापे के समय खैरा अपने वकील बेटे के साथ घर में मौजूद थे. खैरा भोलाथ से विधायक और पूर्व नेता विपक्ष हैं. उन्होंने कहा कि ईडी के अधिकारियों ने दिल्ली में खैरा के दामाद इंदर वीर जौहल के घर पर भी तलाशी ली. ईडी ने 2015 के फाजिल्का मादक पदार्थों की तस्करी मामले और एक फर्जी पासपोर्ट रैकेट से जुड़े एक धन शोधन मामले में मंगलवार को पंजाब के बागी आप विधायक सुखपाल सिंह खैरा के परिसरों में छापा मारा.
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मामले का विवरण साझा करते हुए, ईडी अधिकारी ने कहा कि यह मामला पंजाब के फाजिल्का में 1,800 ग्राम हेरोइन, 24 सोने के बिस्कुट, दो हथियार और कुछ जिंदा कारतूस से जुड़ा है. इन संदिग्ध एवं संवेदनशील चीजों के अलावा कुछ पाकिस्तानी सिम कार्ड बरामद होने के बाद मामला दर्ज किया गया था. उस मामले में, जो पंजाब पुलिस द्वारा दर्ज किया गया था, सजा पहले ही हो चुकी है.
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अधिकारी ने कहा कि खैरा इस ड्रग्स मामले में दोषी ठहराए गए कुछ लोगों के साथ जुड़े हुए हैं और यही वजह रही कि वित्तीय जांच एजेंसी ने उनके परिसरों में तलाशी ली. फर्जी पासपोर्ट रैकेट मामले के विवरण को साझा करते हुए, अधिकारी ने कहा कि इस मामले में भी खैरा मामले में नामित लोगों के साथ जुड़ा हुआ है. जब खैरा के दामाद की भूमिका के बारे में पूछा गया, तो अधिकारी ने कहा, "वह अपने ससुर को अपनी कंपनी के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग में मदद करता था, जो वाई-फाई सिस्टम के क्षेत्र में काम करता है." एक अधिकारी ने कहा कि एजेंसी संपत्ति के कागजात के साथ-साथ खैरा के बैंकिंग लेनदेन की भी पड़ताल कर रही है.
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उन्होंने कहा कि एजेंसी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किए जाने के बाद तलाशी चल रही है. हालांकि खैरा ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है. उनके वकील का कहना है कि चूंकि खैरा ने किसान आंदोलन का समर्थन किया, इसलिए छापेमारी की जा रही है. खैरा के निवास पर पहुंचे वरिष्ठ अधिवक्ता आर.एस. बैंस ने बताया कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन करने वालों को निशाना बनाने के लिए छापेमारी की गई.
गौरतलब है कि 8 मार्च को खैरा ने ट्वीट करके किसानों का समर्थन किया था. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा था, "हमारी महिला किसान हमारी ताकत हैं. वे पिछले तीन महीनों से पुरुषों के साथ-साथ विरोध-प्रदर्शन में बैठी हैं. वे भी यह जानती हैं कि इन कानूनों का उनके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा. विरोध में उनकी उपस्थिति हमें दोहरी शक्ति देती है." वर्ष 2019 में खैरा ने एक नया क्षेत्रीय राजनीतिक संगठन - पंजाबी एकता पार्टी स्थापित किया और राज्य के लोगों को एक विकल्प देने का संकल्प लिया. खैरा ने आम आदमी पार्टी (आप) से इस्तीफा दे दिया था.
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