देश में मिशाल बना शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली का दिल्ली मॅाडल: केजरीवाल

पंजाब में मूंग की खेती में रिकॉर्ड 77 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इस बार राज्य में लगभग 4 लाख क्विंटल मूंग का उत्पादन करने के लिए तैयार हैं. मूंग की औसत उपज 4-5 क्विंटल प्रति एकड़ है. यह पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक है.

पंजाब में मूंग की खेती में रिकॉर्ड 77 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इस बार राज्य में लगभग 4 लाख क्विंटल मूंग का उत्पादन करने के लिए तैयार हैं. मूंग की औसत उपज 4-5 क्विंटल प्रति एकड़ है. यह पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक है.

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Sunder Singh
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file photo( Photo Credit : News Nation)

पंजाब में मूंग की खेती में रिकॉर्ड 77 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इस बार राज्य में लगभग 4 लाख क्विंटल मूंग का उत्पादन करने के लिए तैयार हैं. मूंग की औसत उपज 4-5 क्विंटल प्रति एकड़ है. यह पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक है. मूंग के उत्पादन में सकारात्मक वृद्धि का श्रेय मुख्यमंत्री सरदार भगवंत मान की फसल एमएसपी की घोषणा को दिया जा सकता है. विकास की बात करते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि“आप”की दिल्ली सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली के क्षेत्र में देश को अच्छा मॉडल दिया. जिसे देश का दुनिया में भी पसंद किया जा रहा है.

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“आप” की पंजाब सरकार किसानों के साथ मिलकर खेती सुधारने और किसानों की आय बढ़ाने की कोशिश कर रही है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के पिछले कुछ एलानों को पंजाब के किसानों ने सपोर्ट किया है, जिसके शानदार परिणाम आए हैं. पंजाब के कृषि निदेशक गुरविंदर सिंह ने कहा कि 9 मई तक के आंकड़ों के अनुसार इस सीजन में पंजाब में कुल 38,900 हेक्टेयर यानि लगभग 97,000 एकड़ में मूंग की खेती की जा रही है. पिछली रबी में यह 22,000 हेक्टेयर (55,000 एकड़) थी. मूंग की खेती के प्रोत्साहन के लिए राज्य सरकार विभिन्न विकल्पों पर काम कर रही है.

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मनसा क्षेत्र 10,000 हेक्टेयर मूंग की खेती के साथ सबसे ऊपर है. इसके बाद मोगा (5,000 हेक्टेयर) और लुधियाना (4,000 हेक्टेयर) का स्थान है. मूंग की खेती भी पंजाब में गेहूं की जल्दी कटाई के कारण संभव हुई है। इस फसल ने किसानों को चालू चक्र के दौरान मूंग की खेती के लिए पर्याप्त अवसर दिया है। इसकी वजह आप सरकार की नीति है, जिसने किसानों के मन में निश्चितता और विश्वास पैदा किया है। दो महीने से अधिक समय तक खेत खाली रहने पर किसानों को गेहूं-धान चक्र के बीच अतिरिक्त कमाई की उम्मीद है.

Source : News Nation Bureau

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