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दलित वोट के लिए कांग्रेस ने चन्नी का किया इस्तेमाल - राघव चड्ढा

चड्ढा ने कहा कि पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू और अन्य कई नेता मुख्यमंत्री चन्नी की इज्जत नहीं करते हैं. सिद्धू के कॉन्फ्रेंस वाली पोस्टरों में चन्नी की तस्वीर गायब होती है.

Updated on: 17 Jan 2022, 09:06 PM

नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी(आप) के पंजाब मामलों के सह-प्रभारी राघव चड्ढा ने कांग्रेस पर दलित वोट के लिए मुख्यमंत्री चन्नी का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. सोमवार को मीडिया को संबोधित करते हुए चड्ढा ने कहा कि कांग्रेस ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में पंजाब में अपने सभी बड़े नेताओं के परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को टिकट दी लेकिन मुख्यमंत्री चन्नी के भाई की टिकट काट दी. इससे साबित होता है कि कांग्रेस ने दलित समुदाय के वोट के लिए चन्नी को 'यूज एंड थ्रो' किया है.

चड्ढा ने टिकट पाने वाले कांग्रेसी नेताओं के परिवारों का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस ने फतेहगढ़ साहिब के सांसद अमर सिंह के बेटे को रायकोट से, अवतार हेनरी के बेटे को जालंधर से, ब्रह्म महिंद्रा के बेटे को पटियाला देहाती से और सुनील जाखड़ के भतीजे को टिकट दी है. लेकिन सार्वजनिक रूप से चुनाव लड़ने की इच्छा जताने के बावजूद मुख्यमंत्री चन्नी के भाई को टिकट नहीं दी. इससे पता चलता है कि कांग्रेस पार्टी में चन्नी की बिल्कुल भी नहीं चलती. कांग्रेस ने सिर्फ दलित समुदाय का वोट लेने के लिए चन्नी को कुछ दिनों के लिए मुख्यमंत्री बनाकर उनका इस्तेमाल किया.

चड्ढा ने कहा कि ओबीसी-एससी नेताओं के नाम पर चुनाव में वोट लेकर मुख्यमंत्री बदलने का कांग्रेस का इतिहास रहा है. महाराष्ट्र में भी कांग्रेस ऐसा कर चुकी है. वहां भी कांग्रेस ने चन्नी की तरह ही सुशील कुमार शिंदे का इस्तेमाल किया था. चुनाव से कुछ दिनों पहले शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया और उनके नाम पर वोट लेकर चुनाव के बाद मुख्यमंत्री बदल दिया. महाराष्ट्र की तरह ही अब पंजाब में कांग्रेस चन्नी का इस्तेमाल 'नाइटवॉचमैन' के रूप में कर रही है.

चड्ढा ने कहा कि पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू और अन्य कई नेता मुख्यमंत्री चन्नी की इज्जत नहीं करते हैं. सिद्धू के कॉन्फ्रेंस वाली पोस्टरों में चन्नी की तस्वीर गायब होती है. सिद्धू लगातार चन्नी सरकार पर भ्रष्टाचार और माफिया से मिलीभगत के आरोप लगाते रहते हैं. इसका मतलब साफ है कि चन्नी का कांग्रेस में कोई महत्व नहीं है. कांग्रेस का मकसद चन्नी के रूप में प्रतिनिधित्व देना नहीं था. उसका मकसद सिर्फ चन्नी के नाम का इस्तेमाल करना था.