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सीएम चन्नी और गृहमंत्री रंधावा को पता था कि मजीठिया कहां है-राघव चड्डा

चड्डा ने कहा कि कि हमने एक महीने पहले ही इस बात की जानकारी मीडिया को दी थी कि चन्नी सरकार बेहद कमजोर केस दर्ज करेगी और उसे जमानत दिलवाएगी.

Updated on: 11 Jan 2022, 10:34 PM

नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी(आप) के पंजाब मामलों के सह- प्रभारी राघव चड्ढा ने मुख्यमंत्री चन्नी पर जानबूझकर बिक्रम सिंह मजीठिया को गिरफ्तार नहीं करने का आरोप लगाया. मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया को संबोधित करते हुए चड्ढा ने कहा कि बिक्रम मजीठिया ने खुद बताया है कि मुख्यमंत्री चन्नी और गृह मंत्री रंधावा दोनों को पता था कि मजीठिया कहां है. लेकिन जानबूझकर उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया. इस मौके पर उनके साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता जगतार सिंह सिंघेड़ा और हरमोहन धवन उपस्थित थे.

चड्डा ने कहा कि कि हमने एक महीने पहले ही इस बात की जानकारी मीडिया को दी थी कि चन्नी सरकार बेहद कमजोर केस दर्ज करेगी और उसे जमानत दिलवाएगी. मजीठिया की बातों ने हमारे आरोप को सही साबित कर दिया. उन्होंने कहा कि जिस तरह लुधियाना सिटी सेंटर घोटाले में मुख्यमंत्री चन्नी के भाई को सुखबीर बादल ने बचाया था, उसके एहसान के रूप में चन्नी ने सुखबीर बादल के साले बिक्रम सिंह मजीठिया को बचाया है. पंजाब के लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए चन्नी सरकार ने मजीठिया पर केस दर्ज किया था.

चड्ढा ने आरोप लगाया कि चन्नी सरकार ने एफआईआर दर्ज होने के 22 दिन तक जानबूझकर मजीठिया को गिरफ्तार नहीं किया. अदालत द्वारा अग्रिम जमानत याचिका रद्द होने के बावजूद भी उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया. क्योंकि सरकार मजीठिया को गिरफ्तार करना चाहती ही नहीं थी. पुलिस को स्पष्ट रूप से मना किया गया था कि मजीठिया पर कोई कार्रवाई नहीं करनी है. यह पूरी तरह से कांग्रेस और चन्नी का चुनावी स्टंट था.

चड्ढा ने कहा कि चन्नी सरकार बेहद कमजोर और लाचार सरकार साबित हुई. 111 दिनों के अपने कार्यकाल में चन्नी सरकार ने चार बार डीजीपी और तीन बार एजी बदले एवं दर्जनों बार एसपी व एसएसपी के ट्रांसफर किए. मुख्यमंत्री चन्नी के 111 दिनों के कार्यकाल में 11 दिन भी पंजाब में नशा बिकना बंद नहीं हुआ. पूरे पंजाब में आज भी खुलेआम नशा बिक रहा है और पंजाब के लाखों नौजवान नशे में डूब कर बर्बाद हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार का मकसद पंजाब से नशा तस्करी खत्म करना नहीं था, मजीठिया पर केस दर्ज कर सिर्फ चुनावी लाभ लेना था.