CM भगवंत मान और हरदीप पुरी ने लोगों को बायो एनर्जी प्लांट किया समर्पित
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी के साथ 20 एकड़ क्षेत्रफल में 230 करोड़ रुपये की लागत के साथ स्थापित किए देश का सबसे बड़ा बायो एनर्जी प्लांट लोगों को समर्पित किया.
highlights
- 20 एकड़ में स्थापित किए प्रोजेक्ट के साथ पराली जलाने की घटनाओं में कमी आयेगी
- पंजाब में कृषि अवशेष पर आधारित बायो गैस प्लांट की अथाह क्षमता
भूटाल कलां (संगरूर):
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी के साथ 20 एकड़ क्षेत्रफल में 230 करोड़ रुपये की लागत के साथ स्थापित किए देश का सबसे बड़ा बायो एनर्जी प्लांट लोगों को समर्पित किया. आज के इस मौके को राज्य के लिए ऐतिहासिक दिन करार देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रयास राज्य में से धान की पराली जलाने की समस्या को खत्म करने के लिए रास्ता साफ करेगा. उन्होंने कहा कि वरबीयो ग्रुप का राज्य के साथ मज़बूत रिश्ता है, क्योंकि इसकी भारतीय सहायक कंपनी वरबीयो इंडिया प्राईवेट लिमटिड ने भारत का सबसे बड़ा बायोफ्यूल (बायोमीथेन/बायो-सीऐनजी) उत्पादन यूनिट स्थापित किया है, जो बायो-सीएनजी की 33 टीपीडी (टन प्रति दिन) और 550 टी. पी. डी. (प्रति साल) की क्षमता वाला प्रोजैक्ट है. उन्होंने कहा कि 80,000 क्यूबिक मीटर प्रति दिन की क्षमता वाला प्रोजैक्ट बायोगैस पैदा करेगा जो पराली जलाने की समस्या को हल करने का बढ़िया ढंग है. भगवंत मान ने कहा कि इस यूनिट में सालाना 1.30 लाख टन पराली की खपत होगी जिससे पराली की गंभीर समस्या से निजात पाने में मदद मिलेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 एकड़ क्षेत्रफल में स्थापित इस यूनिट से धान की पराली को आग लगाने के कारण पैदा होने वाले 1.50 लाख मीट्रिक टन दूषित तत्व और 20,000 मीट्रिक टन फलाई ऐश की सालाना कमी लाने में मदद मिलेगी. उन्होंने आगे कहा कि यह यूनिट 1000 नौजवानों को रोजगार भी देगा और 5000 से अधिक परिवारों को लाभ पहुंचेगा. भगवंत मान ने बताया कि बायो मैन्यूर से भरपूर मिट्टी का 2150 एकड़ रकबा होगा.
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि वरबीयो ग्रुप ने राज्य में ऐसे और प्लांट स्थापित करने में भी गहरी रुचि दिखाई है. उन्होंने कहा कि यदि यह प्रोजेक्ट सफल हो जाता है तो वरबीयो ग्रुप की तरफ से राज्य में ऐसे 10 और प्लांट स्थापित किए जाएंगे. भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य पंजाब को पराली जलाने की समस्या से मुक्त राज्य बनाना है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि गेहूं और धान के फसली चक्र से पंजाब को फसलों के अवशेष खास कर धान की पराली और अवशेष के निपटारे की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जिसका किसी और काम के लिए प्रयोग नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि हर साल लगभग 18 मिलियन टन पराली/अवशेष पैदा होते हैं, परन्तु बायोमास पावर प्लांटों, औद्योगिक ब्वायलरों और प्लाईवुड्ड उद्योग में सिर्फ़ 5 मिलियन टन का प्रयोग किया जा रहा है. भगवंत मान ने कहा कि इसके निपटारे के लिए कोई और सुरक्षित तकनीक उपलब्ध न होने के कारण बाकी 13 मिलियन टन पराली/ अवशेष को किसानों द्वारा खेतों में ही जलाया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में 75 लाख एकड़ क्षेत्रफल में धान की कृषि की जाती है. उन्होंने कहा कि इसमें से 37 लाख एकड़ वाले किसान धान की पराली को आग नहीं लगाते. भगवंत मान ने कहा कि बाकी बची 38 लाख एकड़ ज़मीन से पैदा होने वाली पराली के प्रबंधन को यकीनी बनाने के लिए कुछ बड़े कदम उठाने की ज़रूरत है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राज्य सरकार की पंजाब को साफ़- सुथरा, हरा-भरा और प्रदूषण रहित बनाने की वचनबद्धता को दर्शाता है. उन्होंने पवित्र गुरबानी के शब्द ‘पवनु गुरू, पानी पिता, माता धरति महतु’ का हवाला देते हुए कहा कि महान गुरूओं ने हवा (पवन) को गुरु, जल (पानी) को पिता और ज़मीन (धरती) को माता का दर्जा दिया है. भगवंत मान ने कहा कि अब समय आ गया है जब हमें फसलों के अवशेष को न जलाने का संकल्प लेकर राज्य की पुरातन शान को बहाल करने के लिए गुरबानी की शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस नेक कार्य के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पराली जलाने की समस्या को हल करने के लिए कई कदम उठाए हैं. इसके इलावा कुल 14.25 टन सी. बी. जी. प्रति दिन क्षमता वाले दो अन्य प्रोजेक्ट साल 2022-23 में मुकम्मल होने की संभावना है. भगवंत मान ने कहा कि यह प्रोजैक्ट प्रतिदिन 492.58 टन कम्परैस्सड बायोगैस के उत्पादन के लिए प्रति साल लगभग 16.5 लाख टन धान की पराली की खपत करेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब राज्य में कृषि अवशेष पर अधारित सी. बी. जी. प्रोजैक्टों की बड़ी संभावना है. उन्होंने कहा कि पंजाब में 10 टीपीडी की क्षमता वाले लगभग 200 और प्रोजैक्ट स्थापित किए जा सकते हैं जिनके लिए राज्य सरकार राज्य एन. आर. एस. ई. नीति- 2012 के अंतर्गत अलग-अलग रियायतें प्रदान कर रही है. इसी तरह भगवंत मान ने कहा कि पैट्रोलियम और कुदरती गैस मंत्रालय, भारत सरकार ने जून, 2018 में जैविक ईंधन पर राष्ट्रीय नीति को भी नोटीफायी किया है जो बायोफ्यूल के उत्पादन के लिए प्रोजेक्टों को उत्साहित करने और विकास करने की ज़रूरत पर ज़ोर देती है.
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा, पेडा के चेयरमैन एचएस हंसपाल, हलका लैहरा के विधायक वरिन्दर गोयल, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए वेनू प्रसाद, सीईओ इनवैस्ट पंजाब के. के. यादव, सी. ई. ओ. पेडा सुमित जारंगल और अन्य शख़्सियतें भी उपस्थित थी.
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