पंजाब में सरकार बनी तो कच्चे शिक्षकों को किया जाएगा पक्का : CM अरविंद केजरीवाल

मोहाली पहुंचते ही अरविंद केजरीवाल पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के समक्ष 165 दिन से धरने पर बैठे कच्चे अध्यापकों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं.

News Nation Bureau | Edited By : Deepak Pandey | Updated on: 27 Nov 2021, 07:01:43 PM
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CM अरविंद केजरीवाल (Photo Credit: फाइल फोटो)

मोहाली/चंडीगढ़:  

आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय कन्वीनर एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शनिवार को मोहाली में स्थित शिक्षा बोर्ड दफ्तर के समक्ष बैठे कच्चे अध्यापक और सोहाना में स्थित पानी की टंकी पर चढ़े बेरोजगार पीटीआई अध्यापकों से धरने पर बैठे और उनकी मांगों को गंभीरता के साथ सुना. केजरीवाल ने धरनाकारी अध्यापकों को भरोसा दिया कि पंजाब में ‘आप’ की सरकार बनने पर कच्चे अध्यापकों को पक्का (रेगुलर) किया जाएगा, ताकि प्रदेश में अच्छी शिक्षा का माहौल बनाया जा सके. अरविंद केजरीवाल धरनाकारी अध्यापकों को मिलने के लिए शनिवार सुबह दिल्ली से विशेष तौर पर इन कच्चे व बेरोजगार अध्यापकों के समर्थन में मोहाली पहुंचे थे. इस दौरान ‘आप’ पंजाब के प्रदेशाध्यक्ष एवं सांसद भगवंत मान, पंजाब मामलों के प्रभारी एवं दिल्ली के विधायक जरनैल सिंह, नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा और विधायक प्रिंसिपल बुद्धराम भी धरना स्थल पर पहुंचे.

मोहाली पहुंचते ही अरविंद केजरीवाल पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के समक्ष 165 दिन से धरने पर बैठे कच्चे अध्यापकों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं. अध्यापकों को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि चन्नी सरकार ने जगह-जगह 36 हजार कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के बोर्ड तो जरूर लगाए हुए हैं लेकिन न तो अध्यापकों को पक्का किया और न ही सैंकड़ों हजारों सफाई व अन्य विभागों के कच्चे और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को पक्का किया गया। केजरीवाल ने मुख्यमंत्री चन्नी पर तंज कसा, कि जो ऐलान किए जाते हैं उन पर अमल भी होना चाहिए.

केजरीवाल ने दिल्ली में बेहतरीन शिक्षा सुविधा दिए जाने के बारे में कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने शिक्षा का माहौल बदला है, इसलिए अच्छी शिक्षा और बेहतरीन नतीजों का श्रेय अध्यापकों को ही जाता है. इसके लिए अध्यापकों को विदेशों से प्रशिक्षण दिलाया गया और अच्छे वेतन देने समेत अध्यापकों से गैर-शैक्षणिक काम लेने पर पूर्ण रोक लगा दी गई. इस कारण दिल्ली के अध्यापकों ने सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था ही बदल कर रख दी और आज दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था की दुनिया भर में तारीफ हो रही है.

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की तरह पंजाब की शिक्षा व्यवस्था में भी सुधार किया जाएगा. केजरीवाल ने धरनाकारियों से वादा किया कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर कच्चे अध्यापकों को तुरंत पक्का (रेगुलर) किया जाएगा और सरकारी कालेजों जिनके 906 गैस्ट फैक्लटी प्रोफैसर/टीचर जिन्हें 15 से 20 वर्ष तक सेवा लेकर अब निकाला जा रहा है. उनकी सेवाएं जारी रखी जाएंगी. जिक्रयोग है कि इस मौके पर गैस्ट फैक्लटी प्रोफैसरों का एक प्रतिनिधिमंडल ने केजरीवाल को रोक कर अपना मांग पत्र दिया, जो धरना स्थल पर कांग्रेस की चन्नी सरकार के विरोध में धरना-प्रर्दशन व नारेबाजी कर रहे थे.

केजरीवाल ने कहा कि अध्यापक कक्षा में होने चाहिए न कि धरने व टैंकियों पर होने चाहिए. केजरीवाल ने कहा कि 10-10 20-20 वर्षों से सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे कच्चे अध्यापकों को पंजाब में मात्र 6 हजार रुपये प्रति महीना वेतन दिया जाता है, जो पंजाब सरकार और समूह समाज केलिए शर्म की बात है.

केजरीवाल ने पंजाब के समूह कच्चे और पक्के अध्यापकों और धरने पर बैठे बेरोजगार अध्यापकों और बाकी बेरोजगार नौजवानों सहित समूह पंजाब वासियों से अपील की है कि अब एक मौका आम आदमी पार्टी को दिया जाए, क्योंकि कांग्रेसियों, भाजपाइयों और बादलों को बार-बार परखा जा चुका है. उन्होंने कहा कि 2022 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर पंजाब के सरकारी स्कूलों और शिक्षा व्यवस्था में क्रांतीकारी सुधार किए जाएंगे, जैसे दिल्ली में करके दिखाए गए हैं.

इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने सोहाना स्थित पानी की टंकी पर 47 दिन से धरने पर बैठे बेरोजगार पीटीआई अध्यापकों से मुलाकात की और धरनाकारियों से टंकी से नीचे उतरने की अपील की. केजरीवाल ने एक नई विवाहिता बेरोजगार अध्यापिका समेत 47 दिनों से टैंकी पर चढ़े अध्यापकों को उनकी जान का वासता देते हुए नीचे उतरने की अपील की व कहा कि मौजूदा बहरी सरकार के लिए वह अपनी जान खतरे में न डालें. उनको भरोसा दिलाया कि ‘आप’ की सरकार बनने पर उनकी समस्याओं का हल किया जाएगा. केजरीवाल ने पंजाब की चन्नी सरकार से अपील की है कि बेरोजगार पीटीआई अध्यापकों की मांग के अनुसार भर्ती प्रक्रिया की मैरिट लिस्ट तुरंत जारी की जाए व हर मैरिट सूची के साथ वेटिंग सूची वी जारी की जाए.

शिक्षा मंत्री परगट सिंह द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को इन धरनाकारी अध्यापकों की मांगों के संबंध में लिखे पत्र का हवाला देते हुए अरविंद केजरीवाल ने पूछा कि अब परगट सिंह इन अध्यापकों की मांगें क्यों नहीं मानते? पीटीआई अध्यापकों की मेरिट सूची जारी क्यों नहीं करते?

इस मौके पर ‘आप’ पंजाब के प्रदेशाध्यक्ष एवं सांसद भगवंत मान ने संबोधित करते हुए कहा कि अध्यापक समाज का निर्माता होता है और अध्यापकों की जगह स्कूल में होती है, लेकिन पंजाब की सरकारों ने अध्यापकों को धरनों पर धक्के खाने के लिए छोड़ दिया है और अध्यापक स्कूल की जगह दफ्तरों, टैंकियों और सड़कों पर धरने लगाने को मजबूर हैं. मान ने कहा कि 18 वर्ष कच्चे अध्यापक के रूप में पढ़ाने के बाद भी अकाली दल और कांग्रेस की सरकारों ने अध्यापकों को पक्का नहीं किया, इससे बड़ी शर्म की बात क्या होगी. उन्होंने सवाल किया कि जब इन अध्यापकों ने डिग्रियां पक्की ली, पढ़ाई पक्की, फिर सरकार नौकरियां कच्ची क्यों दे रही है?

First Published : 27 Nov 2021, 07:01:43 PM