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Civil services examination in Punjab will now be on the basis of UPSC
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को घोषणा की कि राज्य लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) पैटर्न को पंजाब सिविल सेवा (पीसीएस) में अपनाएगा, जिसके बाद अब इच्छुक उम्मीदवारों तो सामान्य श्रेणी में मौजूदा चार से छह और पिछड़ा वर्ग (बीसी) अनुसूचित जाति (एसटी) श्रेणी को नौ मौके, जबकि अनुसूचित जनजाति (एससी) श्रेणी के छात्रों को असीमित मौके दिए जाएंगे. विधानसभा में घोषणा की गई कि एससी श्रेणी के छात्रों की उम्र सीमा 42 साल होगी, जबकि सामान्य और बीसी/ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के छात्रों के लिए उम्र सीमा क्रमश: 37 और 40 साल होगी.
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विधायक लखवीर सिंह लक्खा द्वारा पूछे एक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इन बदलावों पर पिछले कई हफ्तों से काम कर रही है. विधानसभा में घोषणा की गई कि एससी वर्ग के लिए आयु सीमा सामान्य और बीसी/अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणियों के लिए 42 वर्ष होगी, यह यूपीएससी के नियमों के अनुसार क्रमश: 37 और 40 वर्ष होगी. विधायक लखवीर सिंह लाखा द्वारा उठाए गए एक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पिछले कई हफ्तों से बदलावों पर काम कर रही है.
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मौजूदा पंजाब सिविल सेवा (संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा द्वारा नियुक्ति) नियम, 2009 के अनुसार, पहले सभी श्रेणियों के उम्मीदवारों के पास पंजाब सिविल सेवा परीक्षा में बैठने के लिए चार मौके थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सिविल सर्विस (कंबाइंड कॉम्पिटिटिव एग्जामिनेशन द्वारा अप्वॉइंटमेंट) रूल्स लागू करने से पहले सभी श्रेणियों के लिए परीक्षा में प्रयासों की कोई सीमा नहीं थी.
HIGHLIGHTS
- पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने की घोषणा
- राज्य लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) पैटर्न को पंजाब सिविल सेवा (पीसीएस) में अपनाएगा
- एससी श्रेणी के छात्रों की उम्र सीमा 42 साल होगी