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मुख्यमंत्री चन्नी ने रेत माफिया को भी दी सौगात : हरपाल सिंह चीमा

हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि ठोस खनन नीति और मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति के बिना पंजाब में 20 साल से चल रहे रेत-बजरी माफिया की जड़ें खत्म नहीं हो सकतीं.

Updated on: 21 Sep 2021, 07:14 PM

highlights

  • कर्मचारियों के संबंध में पंजाब सरकार द्वारा की गई घोषणाओं को बताया कपटपूर्ण
  • मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति और ठोस नीति के बिना रेत माफिया को खत्म कर पाना मुश्किल
  • आप ने नवनियुक्त मुख्यमंत्री की लोग लुभावन घोषणाओं पर उठाए गंभीर सवाल

चंडीगढ़:

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा की गई घोषणाओं पर गंभीर सवाल उठाए हैं.आप ने आरोप लगाया है कि चन्नी ने रेत माफिया पर लगाम कसने की बजाय उसे और ढीला कर दिया है.इसी तरह मुलाजिम वर्ग को राहत देने ने नाम पर सरकार उनके साथ धोखा कर रही है. पार्टी मुख्यालय से मंगलवार को जारी एक बयान में हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि ''उम्मीदों के विपरीत चरणजीत सिंह चन्नी ने 'मोदी स्टाइल' में पंजाब और पंजाबियों को गुमराह करना शुरू कर दिया है.शपथ लेने के बाद चन्नी द्वारा की गई घोषणाएं और जमीनी हकीकत इसकी पुष्टि करती है.

हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि ठोस खनन नीति और मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति के बिना पंजाब में 20 साल से चल रहे रेत-बजरी माफिया की जड़ें खत्म नहीं हो सकतीं.जमींदारों को अपनी जमीन से रेत निकालने और मुफ्त में बेचने की इजाजत देने से रेत माफिया का खात्मा कैसे होगा? यह सिर्फ एक बड़ा सवाल नहीं है बल्कि एक बड़ा संदेह है कि शेष 4-5 महीनों में भू-स्वामियों की आड़ में रेत माफिया अवैध खनन करते रहेंगे.

चीमा ने कहा कि जब तक पंजाब सरकार ने आम आदमी पार्टी के घोषणा पत्र के अनुसार 'रेत-बजरी खनन निगम' की स्थापना नहीं की, तब तक रेत माफिया का खात्मा नहीं हो सकता और पंजाब के सरकारी खजाने और लोगों की लूट को रोका नहीं जा सकता.इसलिए चन्नी सरकार को गुमराह करने वाले कदम उठाने की बजाय तत्काल पिछली खनन नीति को निरस्त करते हुए नई व ठोस खनन नीति बनाकर उसे तुरंत लागू करनी चाहिए.

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हरपाल सिंह चीमा ने कर्मचारियों के संबंध में सरकार द्वारा की गई घोषणाओं को कपटपूर्ण बताते हुए कहा कि जनवरी 2016 से सरकारी कर्मचारियों को लागू होने वाला महंगाई भत्ता 125 फीसदी बनता है, लेकिन ऐलान केवल 113 फीसदी का किया गया है.इसमें 12 फीसदी की कमी की गई है और 15 फीसदी की बढ़ोतरी महज 3 फीसदी रह जाएगी.

सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 15 फीसदी की बढ़ोतरी की घोषण तो कर दी, लेकिन 2016 से जून 2021 तक लाखों रुपए के बकाया को गोलमोल कर दिया है.इसी तरह सरकारी कर्मचारियों के वेतनमान और भत्तों के निर्धारण के लिए दो फार्मूले लागू कर न केवल कर्मचारी वर्ग को बांटने की साजिश रची जा रही है बल्कि स्केल तय करने के पैमाने की तकनीकी को और जटिल बना दिया है.चीमा के मुताबिक एक फॉर्मूले के तहत 2.25 फीसदी और दूसरे फॉर्मूले के तहत 2.59 फीसदी का पैमाना सही नहीं है.

इसलिए व्यक्तिगत रूप से फॉर्मूला लागू करने के बजाय सभी कर्मचारियों के लिए एक समान और सरल फॉर्मूला लागू किया जाना चाहिए.उन्होंने आरोप लगाया कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने 20 लाख रुपये की ग्रेच्युटी का कभी भी जिक्र नहीं किया.चीमा ने नए मुख्यमंत्री से कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने और पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की भी मांग की.

शाही आदतों से छुटकारा नहीं पा सकती कांग्रेस 

नव नियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के चंडीगढ़ से नई दिल्ली के लिए चार्टर्ड प्लेन के इस्तेमाल पर सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि व्यक्ति विशेष कहने से कोई भी 'आम आदमी' नहीं बनता है, केवल उनके कर्म ही उनके व्यक्तित्व की सच्चाई को प्रकट करते हैं.

एक दिन पहले खुद को गरीब आम आदमी बताने वाले चरणजीत सिंह चन्नी और सिद्धू-रंधावा के असली चेहरे सामने आ गए हैं.चीमा ने कहा कि कांग्रेस अपनी 'शाही आदतों' को नहीं छोड़ सकती.उन्होंने कहा कि चन्नी, सिद्धू और रंधावा स्पष्ट करें कि आलाकमान से मिलने के लिए चार्टर्ड विमान पंजाब सरकार के खजाने से किराए पर लिया या पंजाब कांग्रेस कमेटी के खजाने से या किसी कारपोरेट या माफिया ने खास मेहरबानी की है.

हरपाल सिंह चीमा ने पिछली कैप्टन सरकार की तरह नई चन्नी सरकार द्वारा कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत को पंजाब सरकार के हेलीकॉप्टर की दी जा रही विशेष सेवाओं को सरकारी खजाने की लूट और नियमों का उल्लंघन करार दिया.