गुरु तेग बहादुर साहिब जी की जीवनी पर आधारित इस विशेष एग्जीबिशन में उनके जन्म, शिक्षाओं, यात्राओं और शहादत को आधुनिक तकनीक और वर्चुअल रियलिटी के माध्यम से दर्शाया गया है. यह प्रदर्शनी सभी आयु वर्ग के लोगों को उनके महान जीवन से जोड़ने का प्रयास है.
Punjab News:पंजाब के श्री आनंदपुर साहिब में गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत के अवसर पर तीन दिवसीय आध्यात्मिक समागम आयोजित किया जा रहा है. इसमें कीर्तन, प्रदर्शनी और स्वास्थ्य सेवाओं की विशेष व्यवस्था की गई है. खास बात यह है कि विरासत-ए-खालसा परिसर में आज (23 नवंबर) एक खास एग्जीबिशन का आयोजन किया गया है, जो श्री गुरु तेग बहादुर जी की शिक्षाओं और उनकी शहादत को समर्पित है. यह प्रदर्शनी नौवें गुरु के जीवन, उनकी आध्यात्मिक यात्रा, मानवीय मूल्यों और उनकी दी गई कुर्बानी को बेहतरीन तरीके से दर्शाती है.
एग्जीबिशन की खासियत
यह एग्जीबिशन ओपन-एयर में लगाई गई है और इसमें कुल 12 मॉडल्स शामिल हैं. हर मॉडल गुरु साहब के जीवन के अलग-अलग पहलुओं को दर्शाता है. इस प्रदर्शनी की खास बात यह है कि हर मॉडल के साथ एक क्यूआर कोड मौजूद है. कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल कैमरा से इस क्यूआर कोड को स्कैन कर सकता है और बिना किसी ऐप डाउनलोड किए 3D वीडियो और जानकारी देख सकता है.
यह वीडियो पंजाबी भाषा में नरेशन के साथ तैयार किए गए हैं और 30-60 सेकंड में महत्वपूर्ण जानकारी सरल और रोचक तरीके से प्रदान करते हैं. आधुनिक तकनीक के जरिए बनाया गया यह अनुभव खासकर युवाओं और बच्चों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है ताकि वे आसानी से गुरु साहब की शिक्षाओं को समझ सकें.
एग्जीबिशन को बनाने में लगे 1 महीने
आपको बता दें कि इस एग्जीबिशन को बनाने में लगभग एक महीने का समय लगा और 100 से ज्यादा लोगों की टीम ने इस पर काम किया. यह पूरी प्रदर्शनी गुरु तेग बहादुर जी के जन्म, विवाह, शिक्षाओं, यात्राओं, आनंदपुर साहिब की स्थापना, कश्मीरी पंडितों की रक्षा और उनकी शहादत तक की घटनाओं को दर्शाती है. इसके अलावा एक विशेष क्यूआर कोड भी लगाया गया है, जिसके जरिए कोई भी व्यक्ति ‘हिंद दी चादर’ नामक लाइट एंड साउंड शो घर बैठे देख सकता है. यह शो अत्यंत भावनात्मक है और गुरु साहब की महान कुर्बानी को जीवंत रूप में दिखाता है.
यह पूरा परिसर इस समय गुरु साहब की शिक्षाओं की भावना में रंगा हुआ है. यहां आने वाले भक्त न सिर्फ इतिहास देख रहे हैं, बल्कि आधुनिक तरीके से आध्यात्मिक संदेश भी अनुभव कर रहे हैं. गुरु तेग बहादुर जी की शिक्षाएं आज भी यही संदेश देती हैं- मानवता ही सर्वोपरि धर्म है.
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