एसेंसियल कमोडिटी पर भगवंत मान ने अकाली दल और कांग्रेस पर साधा निशाना
आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने कहा कि संसद में एसेंसियल कमोडिटी को लेकर जो रिपोर्ट पेश हुए हैं उसे लेकर कहा गया है कि भगवंत मान ने भी उसमें साइन किया है. उसमें 31 सांसद हैं और मैंने इसका विरोध किया था.
नई दिल्ली:
आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने कहा कि संसद में एसेंसियल कमोडिटी को लेकर जो रिपोर्ट पेश हुए हैं उसे लेकर कहा गया है कि भगवंत मान ने भी उसमें साइन किया है. उसमें 31 सांसद हैं और मैंने इसका विरोध किया था. 16 दिसंबर 2020 को मैंने कमेटी की मीटिंग में बोला था कि सरकार को जरूरी वस्तुओं की कीमतों के निर्धारण को अपने हाथ में रखना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि उसमें मैंने डिमांड सप्लाई के फॉर्मूले का जिक्र किया था और कहा था कि प्याज-टमाटर जैसी जरूरी वस्तुओं तक की कीमत को बाजार के हाथ में नहीं दिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि अकाली दल और कांग्रेस वाले मुझ पर भड़के थे कि भगवंत मान ने उसका विरोध नहीं किया था, लेकिन मेरे पास लिखित में और ऑडियो में भी सबूत है. सांसद भगवंत मान ने आगे कहा कि हरसिमरत कौर 5 जून 2020 की मीटिंग के मिनट्स जारी करें, जिस मीटिंग में पहली बार कृषि कानूनों के मसौदे पर बात हुई थी.
भगवंत मान ने आगे कहा कि तीन दिन में वे जारी करें कि फूड प्रोसेसिंग मिनिस्टर के रूप में उनसे क्या पूछा गया था, उन्होंने क्या कहा था. पंजाब में आम आदमी पार्टी की लोकप्रियता और किसानों को मिल रहे हमारे समर्थन से दोनों पार्टियां बौखलाहट गई हैं.
भगवंत मान सिंह का अमरिंदर सरकार पर वार, कहा-कॉर्पोरेट घरानों...
गौरतलब है कि आप सांसद भगवंत मान (AAP MP Bhagwant Mann) ने केंद्र सरकार समेत अमरिंद सरकार पर जमकर वार किया था. भगवंत मान ने कहा था कि कृषि संबंधी केंद्रीय काले कानूनों के विरुद्ध जिस समय पंजाब और देश का किसान मोदी सरकार के साथ-साथ कॉर्पोरेट घरानों के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ रहा है, ठीक उसी समय कांग्रेस की कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार की ओर से अडानी ग्रुप के साथ बिजली खरीद समझौता करके किसान आंदोलन की पीठ में छूरा घोंपा है.
पिछले दिनों भगवंत मान ने कहा था कि कृषि विरोधी काले कानूनों और कॉर्पोरेट घरानों के बारे में कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार की कथनी और करनी में दिन-रात का फर्क है. एक तरफ कैप्टन और कांग्रेस कृषि कानूनों के विरुद्ध तरह तरह की ड्रामेबाजियां कर रहे हैं, दूसरी तरफ कैप्टन सरकार बार-बार कृषि कानूनों और कॉर्पोरेट घरानों का पक्ष दबाती आ रही है. अडानी ग्रुप से किए ताजा बिजली समझौते ने साबित कर दिया है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा के मुख्यमंत्री के तौर पर काम करते हुए मोदी सरकार के इशारों पर नाच रहे हैं.
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