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बयानवीर नवजोत सिंह सिद्धू का विवादों से नाता,कोषाध्यक्ष ने भी दिया इस्तीफा

नवजोत सिंह सिद्धू पर एक व्यक्ति की गैर इरादतन हत्या के आरोप का  मुकदमा भी चला और अदालत ने उन्हें तीन साल की सजा सुनायी.

Updated on: 28 Sep 2021, 05:35 PM

highlights

  • पंजाब कांग्रेस के कोषाध्यक्ष ने दिया इस्तीफा
  • सिद्धू पर चल चुका है गैर इरादतन हत्या का मुकदमा
  • कांग्रेस से पहले भाजपा में थे नवजोत सिंह सिद्धू

 

नई दिल्ली:

नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर पंजाब की राजनीतिक सरगर्मी को बढ़ा दिया है. सिद्धू के इस्तीफे के बाद पंजाब कांग्रेस में चल रहे घमासान में एक बार फिर नया मोड़ आ गया है. मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने 72 दिन बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा कि वे कांग्रेस पार्टी के सदस्य बने रहेंगे और पार्टी के लिए काम करते रहेंगे. सिद्धू के इस्तीफा देने के बाद पंजाब कांग्रेस के कोषाध्यक्ष गुलजार इंदर चहल ने भी अपने पद से त्यगपत्र दे दिया. हालांकि, गुलजार ने इस्तीफे का कारण नहीं बयाया है. चहल सिद्धू के करीबी हैं.

पंजाब कांग्रेस के कोषाध्यक्ष ने दिया इस्तीफा

सिद्धू के इस्तीफा देने पर पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उनपर हमला बोला है. कैप्टन ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैंने तुमसे कहा था...वह स्थिर व्यक्ति नहीं है और पंजाब के सीमावर्ती राज्य के लिए उपयुक्त नहीं है. 

इस्तीफे को बाद नवजोत सिंह सिद्धू और उनका व्यक्तित्व चर्चा के केंद्र में आ गया है. सिद्धू को जानने वाले यह जानते हैं कि वह बड़बोले और विवादित व्यक्तित्व के है. विवादों से उनका गहरा नाता है. अपने बयानों,चुटकुलों और अजब-गजब कारनामों से सिद्धू हमेशा चर्चा के केंद्र में रहे हैं. या यह कहा जा सकता है कि सिद्धू चर्चा में रहने का गुर जानते हैं.

यह भी पढ़ें:नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे पर कैप्टन अमरिंदर सिंह का ट्वीट- पंजाब के लिए फिट नहीं हैं वे

नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस में आने के पहले भाजपा में थे और अमृतसर से भाजपा के टिकट पर सांसद भी रहे. बाद में भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली के अमृतसर से चुनाव लड़ने पर सिद्धू का टिकट कट गया और भाजपा से उनकी दूरी बढ़ती गयी. उस दौरान सिद्धू की आम आदमी पार्टी से नजदीकियां बढ़ीं लेकिन वे पार्टी में शामिल नहीं हो सके. 

गैर इरादतन हत्या का आरोप और जनरल बाजवा की तारीफ

नवजोत सिंह सिद्धू पर एक व्यक्ति की गैर इरादतन हत्या के आरोप का  मुकदमा भी चला और अदालत ने उन्हें तीन साल की सजा सुनायी.  जिसके बाद उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से तत्काल त्यागपत्र देकर उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की.  सिद्धू दोषमुक्त हो गये . सिद्धू पर पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल बाजवा और प्रधानमंत्री इमरान खान से भी नजदीकी का आरोप लगता रहा है. पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू पर तीखा हमला किया था. उन्‍होंने दावा किया कि अगर सिद्धू को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो वह पंजाब का बेड़ागर्क कर देंगे. सिद्धू के पाकिस्तान के साथ गहरे संबंध हैं. पाकिस्तान का प्रधानमंत्री सिद्धू का दोस्त है. जनरल बाजवा के साथ भी सिद्धू की दोस्ती है.

नवजोत सिंह सिद्धू एक परिचय

नवजोत सिंह सिद्धू ( Navjot Singh Sidhu)का जन्म 20 अक्टूबर 1963 को पंजाब के पटियाला में हुआ था.  वह पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी (बल्लेबाज) हैं.  1983 से 1999 तक वे क्रिकेट के मँजे हुए खिलाड़ी रहे. खेल से संन्यास लेने के बाद पहले उन्होंने दूरदर्शन पर क्रिकेट के लिये कमेंट्री करना आरम्भ किया उसके बाद राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लेने लगे. राजनीति के अलावा उन्होंने टेलीविजन के छोटे पर्दे पर टी.वी. कलाकार के रूप में भी अपनी पहचान बनायी है. टी.वी. सीरियल बिग बॉस के कारण भी वे चर्चित रहे.
 
क्रिकेट से संन्यास लेने के पश्चात उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा का टिकट दिया. उन्होंने राजनीति में खुलकर हाथ आजमाया और भाजपा के टिकट पर 2004 में अमृतसर की लोकसभा सीट से सांसद चुने गये. उन पर एक व्यक्ति की गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाकर मुकदमा चला और अदालत ने उन्हें तीन साल की सजा सुनायी। जिसके बाद उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से तत्काल त्यागपत्र देकर उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की. उच्चतम न्यायालय द्वारा निचली अदालत की सजा पर रोक लगाने के पश्चात उन्होंने दुबारा उसी सीट से चुनाव लड़ा और सीधे मुकाबले में कांग्रेस प्रत्याशी व पंजाब के वित्त मन्त्री सुरिन्दर सिंगला को 77626 वोटों के भारी अन्तर से हराया.