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काले कृषि कानून रद्द करने की घोषणा किसानों की जीत- भगवंत मान

भगवंत मान ने कहा कि काले कानून रद्द किए जाने का क्रेडिट केवल और केवल किसानों को ही जाता है.

Updated on: 19 Nov 2021, 06:13 PM

highlights

  • शीतकालीन सत्र में शहीद किसानों को श्रद्धांजलि और मुआवजा देने की मांग
  • पंजाब में कांग्रेस, अकाली और भाजपा बनी लोगों के नफरत की पात्र
  • कैप्टन की भाजपा के साथ सांझेदारी अब जगजाहिर हो चुकी है

 

नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के प्रदेशाध्यक्ष एवं सांसद भगवंत मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों काले कृषि कानून रद्द करने की घोषणा को किसानों की जीत करार दिया है और इस महान जीत पर देश के किसानों को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी पहले भी सड़क से लेकर संसद तक किसानों की आवाज बुलंद करती रही है और अब भी 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान देश भर में शहीद किसानों को श्रद्धांजलि और उचित मुआवजा देने की मांग करेगी.

डेरा बाबा नानक से शुक्रवार को मीडिया को संबोधित करते हुए `आप' के प्रदेशाध्यक्ष भगवंत मान ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने काले कृषि कानून रद्द करने में बहुत देर की है और एक वर्ष के संघर्ष के दौरान करीब 700 किसान शहीद हो चुके हैं.किसानों की शहीदी के लिए भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार जिम्मेदार हैं.अच्छा होता प्रधानमंत्री 23 फसलों पर एमएसपी की भी घोषणा करते, ताकि किसान खुशी-खुशी अपने खेतों की ओर चले जाते. उन्होंने कहा कि देश के किसानों को अलगाववादी, नक्सली और देशद्रोही कहने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं को किसानों से माफी मांगनी चाहिए और केंद्र सरकार को शहीद किसानों के परिवारों को मुआवजा भी देना चाहिए.

भगवंत मान ने कहा कि काले कानून रद्द किए जाने का क्रेडिट केवल ओर केवल किसानों को ही जाता है, जिन्होंने लंबे समय संघर्ष किया और शहीदी प्राप्त की. कोई भी राजनीतिक पार्टी कानून रद्द करने का श्रेय लेने की हकदार नहीं है.मान ने कहा कि पंजाब में कांग्रेस, अकाली दल बादल और भारतीय जनता पार्टी लोगों की नफरत की पात्र बन गई हैं. कैप्टन अमरिंदर सिंह पहले भाजपा के साथ सरकार सांझी करते थे और अब सीटें सांझी करेंगे. कैप्टन की भाजपा के साथ सांझेदारी अब जगजाहिर हो चुकी है.`आप' के मुख्यमंत्री के संबंध में पूछे सवाल का जवाब देते हुए भगवंत मान ने कहा कि पार्टी की अपनी एक रणनीति है.इस बार पार्टी मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ ही पंजाब के चुनावों में उतरेगी और मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा भी जल्द कर दी जाएगी.