पंजाब के अमृतसर में जलियांवाला बाग नरसंहार के 100 साल पूरे होने पर उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने जलियांवाला बाग स्मारक का दौरा किया. उन्होंने जलियांवाला बाग स्मारक में स्मारक डाक टिकट जारी किया है. साथ ही 100 रुपये का स्मारक सिक्का भी जारी किया है. डाकट टिकट पर लिखा है कि जलियांवाला बाग नरसंहार के 100 वर्ष. देश ने शनिवार को जालियांवाला बाग की 100वीं बरसी पर शहीदों को याद किया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू सहित तमाम दिग्गजों ने मेमोरियल पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी.
उपराष्ट्रपति ने आगंतुक पुस्तिका (visitor book) में अपना संदेश भी लिखा है. उन्होंने कहा कि मैं यहां आकर बहुत ही गर्व महसूस कर रहा हूं. मैं अपने शहीद जवान को सैल्यूट करता हूं जिन्होंने पूरी ताकत से ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़े. उन्होंने अदम्य साहस का परिचय देते हुए देश की सेवा की. हमारे वीर जवान ने पुरी निष्ठा से देश की रक्षा की.
साल 1919 में अमृतसर में हुए इस नर संहार में हजारों लोगों की जान गई थी, लेकिन ब्रिटिश सरकार ने अपने आंकड़ों में महज 379 लोगों की हत्या दर्ज की थी. ब्रिटिश सरकार ने इस नरसंहार पर अब तक माफी नहीं मांगी. हालांकि ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने इस घटना पर खेद प्रकट किया था.
वहीं भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त सर डोमिनिक एस्किथ ने शनिवार की सुबह जलियांवाला बाग स्मारक पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उन्होंने विजिटर डायरी में लिखे अपने नोट में जलियांवाला बाग की घटना को ब्रिटिश-भारत इतिहास की सबसे शर्मनाक घटना करार दिया.